उपमंडल पांवटा साहिब के अंतर्गत माजरा में हुई हिंसा की जांच की जिम्मेदारी राज्य सीआईडी की अपराध शाखा को सौंपी गई है। 17 मई, 2022 को माजरा में फेसबुक में एक धार्मिक पोस्ट डालने के बाद गहरा तनाव पैदा हो गया था। इस दौरान एएसपी व डीएसपी पांवटा साहिब पुलिस की मुस्तैदी से टकराव की स्थिति को टाला गया था। इस दौरान पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू के स्तर पर अब जांच की जिम्मेदारी सीआईडी को सौंपी गई है। हालांकि घटना सामने आने के करीब 48 घंटे के भीतर ही समूचे इलाके में शांति बहाल हो गई थी। ज्ञानवापी मामले में घटनाक्रम पर एक समुदाय के नेता द्वारा की गई फेसबुक पोस्ट को लेकर तनाव पैदा हो गया था।
पुलिस ने तुरंत ही फेसबुक पोस्ट करने वाले को गिरफ्तार भी कर लिया था। भारतीय जनता पार्टी ने भी तत्त्काल प्रभाव से अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष को भी पद से बर्खास्त करने का फैसला लिया था। इस दौरान पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू व आईजी हिमांशु मिश्रा भी पांवटा के माजरा पहुंचे। इस दौरान सीआईडी के आईजीपी रामेश्वर ठाकुर ने कहा कि माजरा मामले को सीआईडी को स्थानांतरित कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा इसकी पहले ही जांच की जा रही थी। इस जांच को आगे बढ़ाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि माजरा प्रकरण में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए थे। इसमें नौ लोगों को जमानत मिली हुई है, जबकि एक आरोपी ने उच्च न्यायालय से जमानत ले ली थी। एक वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मकसद से जान-बूझकर फेसबुक पोस्ट करने के मामले में खासा तूल पकड़ा था।
रात के अंधेरे में बनाए गए कई वीडियो सामने आए थे। आधी रात को सिरमौर के एसपी व डीसी ने भी घटनास्थल पर डेरा डाल दिया था। तत्त्कालीन आईजी हिमांशु मिश्रा भी मौके पर पहुंचे थे। 18 मई को आईजी ने बद्दी, सोलन व सिरमौर के पुलिस अधीक्षकों को दोनों समुदाय के साथ संयुक्त बैठक के लिए नाहन व धौलाकुआं बुलाया था।
इसमें पड़ोसी जिला के पुलिस अधीक्षकों से उचित सलाह ली गई थी। बैठक में ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी भी मौजूद थे। कुल मिलाकर यह प्रतीत हो रहा है कि सरकार इस प्रकरण को गंभीरता से ले रही है। लिहाजा मामला क्राइम ब्रांच को सौंपा गया है। एचडीएम