पांवटा साहिब, 15 सितंबर: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जनपद के सतौन से एक आंखें नम कर देने वाली जानकारी सामने आ रही है। घटना दो दिन पहले की है, लेकिन घटना से जुड़ी तस्वीरें बुधवार को उस वक्त सामने आई, जब क्षेत्र के समाजसेवी व पत्रकार संजय कंवर ने इलाके में लंपी रोग से पीड़ित गौवंश की दुर्दशा से उपायुक्त आरके गौतम को अवगत करवाया।
सतौन में लंपी रोग से ग्रसित बेसहारा पशुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन महज दो दिन पहले इस कस्बे में एक ऐसा मार्मिक दृश्य था, जिसने देखने वालों को झिंझोड़ कर रख दिया। लंपी रोग से ग्रसित गाय एक बछड़े को जन्म दे रही थी। आधी प्रसूति हो चुकी थी, लेकिन इसी बीच गाय ने दम तोड़ दिया। हालांकि, समाजसेवी संजय कंवर के दखल पर तुरंत ही पशु चिकित्सकों की टीम मौके परपहुंच गई थी, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
बड़ा सवाल ये है कि समय रहते ही गर्भवती गाय को सुरक्षित स्थान पर उपचार के लिए क्यों नहीं भेजा गया। क्षेत्र के लोगों की मानें तो इलाके में लंपी रोग से पीड़ित बेसहारा पशुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। आपको बता दें कि सतौन कस्बे को एशिया की सबसे बड़ी चूना पत्थर मंडी होने का भी गौरव प्राप्त है। माइन ऑनर्स धनाढ़य हैं। क्षेत्र का धनाढ़य वर्ग ही चाहे तो अपने स्तर पर ही बहुत कुछ कर सकता है।
उल्लेखनीय है कि चंद रोज पहले सतौन में लंपी रोग की वजह से तीन बेसहारा गउओं ने सड़क किनारे ही दम तोड़ दिया था। इसमें आधी प्रसूति वाली गाय भी शामिल थी।
उधर, संजय कंवर से मुलाकात के बाद उपायुक्त आरके गौतम ने कफोटा के एसडीएम व तिलोरधार के बीडीओ को बेसहारा गौवंश को सुरक्षित स्थानों पर रखने के कड़े निर्देश दिए हैं। संजय कंवर ने कहा कि सतौन में गौसदन बनाने के लिए पशुपालन विभाग के नाम 6 बिस्वा भूमि करवाने को लेकर भी चर्चा की गई है।
दीगर है कि पांवटा साहिब में भी गौरक्षक सचिन ओबराॅय लंपी रोग से पीड़ित बेसहारा गौवंश को सुरक्षित स्थानों पर भेजने को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं। बीती रात देवभूमि क्षत्रिय संगठन के संस्थापक रूमित ठाकुर ने भी मौके पर पहुंचकर सचिन ओबराॅय से मुलाकात की।