हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) विधानसभा में बजट सत्र (budget session) के अंतिम दिन नियम 63 के तहत भांग की खेती को लीगल करने को लेकर चर्चा की गई। द्रंग से भाजपा विधायक पूर्ण चन्द ने सदन में इसकी चर्चा का प्रस्ताव लाया। विधान सभा सदस्यों ने भांग के औषधीय गुणों का हवाला देते हुए इसे लीगल करने की मांग उठाई गई। जिसके बाद सरकार ने इसके लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) ने कहा कि भांग की खेती पत्तियों व बीज को लीगल करने को लेकर सोचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि भांग के कई औषधीय लाभ है। जिसको लेकर दोनों पक्षों के पांच सदस्यों की कमेटी एक माह में इसको लेकर रिपोर्ट देगी। उसके बाद इस पर विचार किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखंड (Uttarakhand) में भांग की खेती लीगल है। NDPS एक्ट में भी भांग की खेती पर राज्यों को लीगल करने का अधिकार दिया गया है। भांग की खेती से प्रदेश की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में मदद मिल सकती है। लेकिन इससे नशे को बढ़ावा देने की प्रवृत्ति न हो। इसको लेकर पांच सदस्यों की कमेटी बना दी गई।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (jai ram thakur) ने कहा है कि भांग की खेती को लीगल करने के निर्णय में सरकार को जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। सभी पहलुओं के अध्ययन के बाद इस पर विचार करने की आवश्यकता है क्योंकि इसके अच्छे और बुरे दोनों परिणाम हो सकते हैं। इसलिए इसको कंट्रोल मैनर में कैसे किया जा सकता है इसको लेकर विचार करने की जरूरत है। वहीं इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नगर निगम शिमला के चुनाव में जीत का दावा भी किया।
फिलहाल सरकार ने कैबिनेट मंत्री जगत नेगी की अध्यक्षता में पांच सदस्य कमेटी बनाने का सदन में ऐलान किया गया। सुंदर ठाकुर, हंस राज, जनक राज व पूर्ण चंद कमेटी के सदस्य होंगे जो एक महीने में अपनी रिपोर्ट देंगे।