हिरासत में मौत मामला: सीबीआई ने वॉयस रिकॉर्डिंग की हार्ड डिस्क अदालत को सौंपी

पुलिस हिरासत में सूरज की मौत के मामले में आईजी जैदी समेत 9 पुलिस कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोप लगाया गया कि पुलिस हिरासत के दौरान टॉर्चर करने से आरोपी सूरज की मौत हुई।
हिमाचल प्रदेश के चर्चित गुड़िया दुष्कर्म और हत्याकांड मामले के आरोपी सूरज की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में शिमला के तत्कालीन आईजी जहूर हैदर जैदी सहित अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ जिला अदालत में केस चल रहा है। गुरुवार को सीबीआई ने इस मामले से जुड़ी हार्ड डिस्क अदालत को सौंप दी। पिछली सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने आवेदन देकर वॉयस रिकॉर्डिंग वाली हार्ड डिस्क की मांग की थी।

अब अगली सुनवाई चार अप्रैल को होगी। बता दें कि 4 जुलाई 2017 को शिमला जिले के कोटखाई की एक छात्रा स्कूल से लौटते समय लापता हो गई थी। 6 जुलाई को कोटखाई के तांदी के जंगल में उसका शव मिला। जांच में पाया गया कि छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। इस मामले में छह आरोपी पकड़े गए। इनमें राजेंद्र सिंह उर्फ राजू निवासी हलाइला, सुभाष बिष्ट निवासी गढ़वाल, सूरज सिंह, लोकजन उर्फ छोटू निवासी नेपाल और दीपक निवासी पौड़ी गढ़वाल कोटद्वार शामिल थे। इनमें से सूरज की कोटखाई थाने में 18 जुलाई 2017 की रात मौत हो गई थी।

पुलिस हिरासत में सूरज की मौत के मामले में आईजी जैदी समेत 9 पुलिस कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोप लगाया गया कि पुलिस हिरासत के दौरान टॉर्चर करने से आरोपी सूरज की मौत हुई। पहले इस मामले की जांच शिमला पुलिस कर रही थी। बाद में इस मामले की जांच को सीबीआई को सौंप दिया गया था।