नई दिल्ली. जरूरतों को पूरी करने के लिए कर्ज लेना कोई बुरी बात नहीं है, लेकिन आपको इस बात के लिए जरूर सावधान रहना चाहिए कि कहीं कर्ज का जाल आपकी जिंदगी को तबाह न कर दे. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लोन ऐप की बाढ़ सी आ गई है, जो फटाफट कुछ क्लिक में लोन देने का दावा करते हैं. यह सुनने में तो काफी आसान लगता है, लेकिन एक बार इसके दलदल में फंसने के बाद निकलना काफी मुश्किल हो जाता है.
दरअसल, कोरोना महामारी के बाद देश में नौकरियां गंवाने और कारोबार तबाह होने के हजारों मामले सामने आए. एक आंकड़े के मुताबिक, महामारी के बाद देशभर में 7 लाख से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या की. इसमें 25,200 ऐसे लोग शामिल थे जो अपनी नौकरी गंवाने के बाद अवसाद में आ गए या कर्ज के जाल में फंसकर अपना जीवन खत्म कर लिया.
कैसे फंस जाते हैं जाल में
लोन ऐप के जरिये आसानी से कर्ज मिलने की वजह से लोग बार-बार छोटी राशि में कर्ज उठाते रहते हैं और कई बार समय पर ईएमआई का भुगतान न कर पाने की वजह से उन पर बोझ बढ़ता जाता है. इसके बाद शुरू होता है रिकवरी का सिलसिला, जो न सिर्फ आपको बार-बार फोन करके परेशान करते हैं, बल्कि आपके रिश्तेदारों, दोस्तों और पहचान वालों को भी फोन करके आपके लोन लेने और फिर वापस न करने की बात कहते हैं. इससे आपके ऊपर सामाजिक दबाव भी बढ़ता जाता है.
पहले तय करें, क्यों लेना है लोन
बैंकिंग मामलों के जानकार और निवेश सलाहकार स्वीटी मनोज जैन का कहना है कि उपभोक्ता को पहले यह तय करना चाहिए कि आखिर उसे लोन की जरूरत है या नहीं और किस काम के लिए लोन लेना जरूरी है. मसलन, मकान खरीदने या शिक्षा के लिए लोन लेना सही होगा, क्योंकि इन दोनों ही कदम से आप संपत्ति का निर्माण करते हैं. शिक्षा लोन जहां आपको स्किल देगा और भविष्य में ज्यादा पैसे कमाने के अवसर मिलेंगे, वहीं होम लोन के जरिये आप आवासीय संपत्ति बना सकेंगे.
इसके उलट अगर आप पत्नी या अपनों को गिफ्ट देने के लिए लोन ले रहे या मोबाइल खरीदने के लिए लोन लिया है तो यह नुकसान वाला कदम होगा. कुछ लोग घूमने के लिए भी लोन का सहारा लेते हैं, जो पूरी तरह गैर जरूरी है.
कैसे बचें लोन के बोझ से
1-अगर आप होम लोन लेते हैं तो इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपके लोन का अमाउंट मकान की कीमत का 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
2-आपकी होम लोन ईएमआई की राशि भी मासिक वेतन के 40 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
3-कार लोन के मामले में आपकी ईएमआई मासिक वेतन के 5 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
4-क्रेडिट कार्ड से आपका हर महीने खर्च कुल लिमिट का 10 से 12 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए. इसका बिल भी ड्यू डेट से पहले पूरा जमा किया जाना जरूरी है.
5-एजुकेशन लोन लेने का विकल्प आखिरी होना चाहिए. जब आपके पास अन्य कोई रास्ता न हो तभी एजुकेशन लोन लेने की तरफ जाएं.