कोरोना महामारी के बाद दुनिया की इकॉनमी फिर से पटरी पर लौट रही है। लेकिन इसके साथ ही साइबर हमले भी तेज हो गए हैं। अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी है और उसका लॉस एंजिलिस पोर्ट (Port of Los Angeles) वेस्टर्न हेमिस्फीयर का सबसे व्यस्त बंदरगाह है। इससे हर साल 250 अरब डॉलर का माल गुजरता है।
सेरोका ने कहा कि इंटेलीजेंस के मुताबिक ये हमले रूस और यूरोप से हो रहे हैं। हमें ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है जो इंटरनेशनल कॉमर्स को बर्बाद करना चाहते हैं। बंदरगाहों से हर साल अरबों डॉलर का माल गुजरता है और यही वजह है कि साइबर अपराधियों की नजर उन पर रहती है। उन पर रोजाना कई रेनसमवेयर, मैलवेयर, स्पीयर फिशिंग और क्रेडेशिंयल हारवेस्टिंग अटैक होते है। इनका मकसद ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाना और इकॉनमी की गति को कम करना है।
लाखों डॉलर का निवेश
लॉस एंजिलिस पोर्ट अब एफबीआई की साइबर क्राइम टीम के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि ऐसे हमलों से बचा जा सके और साइबर-सिक्योरिटी को सुधारा जा सके। पोर्ट ने साइबर हमलों से बचाव के लिए लाखों डॉलर का निवेश किया है और दुनिया का पहला साइबर रिजिलियंस सेंटर विकसित किया है। महामारी के दौरान लॉकडाउन के कारण फैक्ट्रियों के बंद रहने और कामगारों के घरों तक सीमित रहने के कारण ग्लोबल सप्लाई चेन प्रभावित हुई। लेकिन अब स्थिति में सुधार आ रहा है।