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चक्रवाती तूफान ‘असानी’ ने पकड़ी रफ्तार, अलर्ट पर 18 जिले

बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान ‘असानी’ अब धीरे-धीरे गति पकड़ने लगा है. ये चक्रवाती तूफान ओडिशा-आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के समुद्र तट से जल्द ही टकरा सकता है. बंगाल की खाड़ी और अंडमान के पास बना ये कम दबाव का क्षेत्र पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है.

बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान ‘असानी’ अब धीरे-धीरे गति पकड़ने लगा है. ये चक्रवाती तूफान ओडिशा-आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के समुद्र तट से जल्द ही टकरा सकता है. बंगाल की खाड़ी और अंडमान के पास बना ये कम दबाव का क्षेत्र पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है. वहीं भारतीय मौसम विभाग ने संकेत दिया है कि चक्रवाती प्रणाली के पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तट की ओर बढ़ने की संभावना जताई है. चक्रवात 10 मई के आसपास लैंडफॉल कर सकता है. स्काईमेट वेदर सर्विसेज ने चेतावनी जारी की है कि संभावित चक्रवाती तूफान मजबूत होकर अराकान तट की ओर बढ़ सकता है.

ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पीके जेना ने बताया है कि जैसा कि आईएमडी द्वारा सूचित किया गया है, दक्षिण अंडमान सागर और उसके आस-पास के क्षेत्रों के आसपास एक चक्रवाती परिसंचरण विकसित हुआ है. इसके लो प्रेशर एरिया में तब्दील होने की संभावना है. इसके विकसित होने के बाद इसकी तीव्रता का अनुमान लगाना आसान होगा.

उन्होंने कहा कि एहतियात के तौर पर ओडिशा के मलकानगिरी से मयूरभंज तक के 18 जिलों के कलेक्टरों को अलर्ट रहने को कहा गया है. बंगाल की खाड़ी में संभावित चक्रवात के कारण, 17 एनडीआरएफ, 20 ओडीआरएएफ और अग्निशमन सेवा विभाग की 175 टीमें जरूरत पड़ने पर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं.

ओडिशा में चक्रवात ‘असानी’ से निपटने के लिए प्रशासनिक स्तर पर लगातार बैठकों का दौर शुरू हो गया है. चक्रवात से निपटने के लिए, लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने आदि किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन को सतर्क रहने के लिए विशेष राहत आयुक्त ने प्रदेश के 18 जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखकर सतर्क रहने की सलाह दी है. प्रभावित जिलों में आपातकालीन दफ्तर तथा कंट्रोलरूम को 24 घंटे खुले रखने का निर्देश दिया गया है. तटीय जिलों में कच्चे घरों में रहने वाले लोगों को स्थानांतरित करने को कहा गया है.

संभावना जताई जा रही है कि चक्रवात ‘असानी’ का लैंडफाल ओडिशा में हो सकता है. इसके लिए यहां का वातावरण भी उसी हिसाब से धीरे-धीरे बदलने लगा है. समुद्र धीरे-धीरे अशांत होने लगा है, मौसम विभाग की माने तो 12 से 36 घंटे के बीच कम दबाव का क्षेत्र बन जाएगा. उत्तर से पश्चिम दिशा की तरफ गति करने के साथ ही कम दबाव का क्षेत्र गहरे दबाव में तब्दील हो जाएगा.

केन्द्रीय बंगोप सागर में तो शुक्रवार से ही बारिश शुरू हो जाएगी और इस दौरान 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी, ऐसे में मछुआरों को समुद्र में ना जाने के लिए भारतीय मौसम विभाग की तरफ से हिदायत दी गई है. मौसम विभाग ने अगले 4 दिन के लिए तटीय ओडिशा के साथ दक्षिण ओडिशा के अनेक जिलों में वज्रपात को लेकर सतर्क सूचना जारी की है.

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