Cyclone Sitrang Live Update: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि चक्रवात सितरंग ने रविवार शाम को बंगाल की खाड़ी के ऊपर गति पकड़ ली और सोमवार को एक भीषण चक्रवाती तूफान में तेजी होने की संभावना है। चक्रवात सितरंग के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है। बंगाल के कई इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा रहा है। इसके साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें अभी से तैनात कर दी गई हैं।
नई दिल्ली: दिवाली के मद्देनजर जहां पूरे देश में खुशी की लहर और उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है। वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में सितरंग साइक्लोन का खतरा काफी बढ़ गया है। मौसम विभाग ने पूर्वोत्तर के राज्यों में भीषण बारिश की आशंका भी जाहिर की है। भारत मौसम विभाग ने कहा है कि दिवाली के दौरान चक्रवात ‘सितरंग’ से पूर्वोत्तर क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। गुवाहाटी स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) ने कहा कि उत्तरी अंडमान सागर और दक्षिण अंडमान सागर के आसपास के क्षेत्रों, बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी इलाकों में कम दबाव का क्षेत्र पश्चिम उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ गया।
इसके उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक गहरे दबाव के क्षेत्र में बदलने की संभावना है। इसके बाद इसके धीरे-धीरे उत्तर-पूर्व की ओर मुड़ने और सोमवार सुबह तक मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती तूफान में तेज होने की संभावना है। यह उत्तर-पूर्वोत्तर की ओर बढ़ना जारी रखेगा और 25 अक्टूबर की सुबह के आसपास तिनकोना द्वीप और सैंडविच के बीच बांग्लादेश तट को पार करेगा। त्रिपुरा और पूर्वोत्तर क्षेत्र की राज्य सरकारों ने जिला और आपदा प्रबंधन अधिकारियों से चक्रवाती परिस्थितियों से निपटने के लिए एहतियाती कदम उठाने को कहा है।
25 अक्टूबर को होगा विकराल रूप ले लेगा साइक्लोन
बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरा दबाव रविवार शाम को चक्रवात में तब्दील हो गया और 25 अक्टूबर की सुबह बांग्लादेश तट को पार करने से पहले इसके प्रचंड चक्रवाती तूफान का रूप लेने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी। थाईलैंड ने इस चक्रवात को ‘सितरंग’ नाम दिया है। आईएमडी के मुताबिक, चक्रवात के सोमवार को प्रचंड चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है, जिसमें हवा की गति 90 से 100 किमी प्रति घंटे से 110 किमी प्रति घंटे तक पहुंच जाएगी। आईएमडी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश और उत्तरी तटीय ओडिशा में भारी बारिश होने की संभावना है। रविवार को शाम 5.30 बजे, चक्रवात पश्चिम बंगाल में सागर द्वीप से 580 किमी दक्षिण में और बांग्लादेश में बारीसाल से 740 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में था।
सितरंग से सबसे ज्यादा प्रभावित होगा कोलकाता
कोलकाता में क्षेत्रीय मौसम केंद्र के उप महानिदेशक संजीव बंदोपाध्याय ने कहा कि यह पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में फैले सुंदरबन को मुख्य रूप से प्रभावित करेगा क्योंकि मौसमी दशाओं और अमावस्या के दोहरे प्रभाव के कारण ज्वार की लहरें छह मीटर की ऊंचाई तक उठने की संभावना है। उन्होंने कहा कि चक्रवात मंगलवार सुबह बांग्लादेश में टिंकोना द्वीप और सैंडविप के बीच दस्तक दे सकता है। उन्होंने बताया कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने गहरे दबाव के क्षेत्र के कारण दक्षिण बंगाल के जिलों में शनिवार शाम से बुधवार सुबह तक हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
बंदोपाध्याय के अनुसार, गहरे दबाव के क्षेत्र के कारण दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना जैसे तटीय जिलों में सोमवार को भारी से बहुत भारी बारिश होने, जबकि पूर्वी और पश्चिमी मिदनापुर जिलों में भारी बारिश होने के आसार हैं। उन्होंने कहा कि कोलकाता, हावड़ा और हुगली में सोमवार को मंगलवार को मध्यम स्तर की बारिश होने का अनुमान है।
10 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया
वहीं, दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना और नाडिया जिलों को मंगलवार को भारी बारिश का सामना करना पड़ सकता है। दक्षिण 24 परगना के जिलाधिकारी सुमित गुप्ता ने कहा कि जिले में 10,000 लोगों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है, और अन्य 30,000 लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजने का कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि 26-26 कर्मियों के साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की सात टीम जिले में तैयार है। ओडिशा में तटीय जिलों केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर और पुरी के कुछ स्थानों पर सोमवार सुबह साढ़े आठ बजे तक भारी बारिश की संभावना है। मंगलवार सुबह तक बालासोर, भद्रक, जाजपुर, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर और कटक में भारी बारिश के संबंध में ‘येलो’ चेतावनी जारी की गई थी। गंजाम जिला प्रशासन ने गोपालपुर समुद्र तट पर पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘यह प्रतिबंध इसलिए लगाया गया क्योंकि चक्रवात की चेतावनी के बावजूद रविवार शाम को बड़ी संख्या में लोग समुद्र तट पर जमा हो गए।
दीपावली और काली पूजा का उत्साह फीका
कोलकाता के क्षेत्रीय मौसम केंद्र के उप महानिदेशक संजीव बंदोपाध्याय ने कहा कि पश्चिम बंगाल के उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों तथा बांग्लादेश के तटीय क्षेत्रों में स्थित सुंदरबन चक्रवात से प्रभावित मुख्य क्षेत्र होगा। यह मौसमी घटनाक्रम ऐसे समय हो रहा है, जब लोग दो साल बाद व्यापक स्तर पर और पूरे उत्साह के साथ काली पूजा एवं दीपावली मनाने की तैयारी कर रहे हैं। कोविड-19 के चलते पिछले दो साल ये त्योहार भव्य रूप से नहीं मनाए गए थे।
अलर्ट पर बंगाल, एनडीआरएफ की टीम तैनात
बंगाल की खाड़ी में चक्रवात के अलर्ट को देखते हुए NDRF के जवान तैनात कर दिए गए हैं। पश्चिम बंगाल में कई संवेदनशील जगहों पर 2 बीएन एनडीआरएफ के कुल 14 बचाव दल तैनात हैं, जिनमें प्रशिक्षित और समर्पित लोग मौजूद हैं और ये सभी लोग नवीनतम आपदा प्रतिक्रिया उपकरणों से लैस हैं। NDRF की मुस्तैदी पश्चिम बंगाल के 7 जिलों में 14 टीमों को तैनात किया गया है। यानी 2 टीमें उत्तर 24 परगना जिला, 1 हुगली, 1-पश्चिम मेदिनीपुर, 3-पूर्व मेदिनीपुर, 2-कोलकाता, 4-दक्षिण 24 परगना जिला और 1 टीम नादिया में तैनात है। हरिंघाटा में एक 24X7, 2 बीएन एनडीआरएफ कंट्रोल रूम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है और अन्य एजेंसियों के संपर्क में है।