मशहूर अदाकारा आशा पारेख को इस साल का दादा साहब फाल्के सम्मान दिया जाएगा. इसकी घोषणा सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने की है. आशा पारेख को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में इस अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा. आशा पारेख ने महज 10 साल की उम्र में फिल्मों में काम करना शुरू किया था. आशा पारेख 95 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुकी हैं.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने 52वें दादा साहेब फाल्के सम्मान की घोषणा करने के साथ ही यह जानकारी भी दी कि आशा पारेख को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में यह सम्मान दिया जाएगा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें इस सम्मान से नवाजेंगी. ठाकुर ने बॉलीवुड की लीजेंड एक्ट्रेस को इस सम्मान के लिए चुने जाने को गौरवपूर्ण बताया. साथ ही कहा कि दिल्ली में आगामी 30 सितंबर को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह का आयोजन होगा.
चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में शुरू किया करियर
‘दिल देके देखो’, ‘तीसरी मंजिल’, ‘कटी पतंग’, ‘लव इन टोक्यो’, ‘आया सावन झूम के’, ‘आन मिलो सजना’ जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में एक्टिंग करने वाली आशा पारेख ने फिल्मी करियर की शुरुआत चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में की. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में बतौर कलाकार, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर के तौर पर वह पिछले कई दशकों से सक्रिय हैं. बतौर लीड एक्ट्रेस ‘दिल देके देखो’ उनकी पहली फिल्म थी.
पद्मश्री से हो चुकी हैं सम्मानित
मनोरंजन के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें कई और पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. भारत सरकार ने साल 1992 में उन्हें प्रतिष्ठित पद्मश्री पुरस्कार देकर भी सम्मानित किया है. आशा पारेख साल 1998 से लेकर 2001 तक सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. आशा पारेख को इस सम्मान के लिए चुने जाने का फैसला पांच सदस्यीय ज्यूरी ने किया. इसमें आशा भोंसले, हेमा मालिनी, पूनम ढिल्लन, टीएस नागभरना और उदित नारायण शामिल थे.