राजस्थान के अजमेर जिले में दलित युवक खुदकुशी मामले में परिजनों के विरोध प्रदर्शन का अंत शुक्रवार देर शाम हो गया। प्रशासन और परिजनों के बीच सहमति बन गई। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद रावण ने मृतक को मुखाग्नि दी।
अजमेर के रूपनगढ़ में दलित युवक आत्महत्या मामले के बाद से ही मृतक के परिजन धरने पर थे, जिसका तीन दिन बाद शुक्रवार को प्रशासन और परिजनों की आपसी सहमति से प्रदर्शन समाप्त हो गया। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने मृतक ओमप्रकाश रेगर की अंतिम इच्छा पूरी की। उन्होंने मृतक को मुखाग्नि देकर उसका अंतिम संस्कार किया।
बता दें कि नोसल ग्राम निवासी ओमप्रकाश ने एक नवंबर को खुदकुशी कर ली थी। उसने मरने से पहले एक सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उसने भीम आर्मी चीफ के हाथों अंतिम संस्कार करने की इच्छा जाहिर की थी। इतना ही नहीं मृतक युवक के सुसाइड नोट में कुछ आरोपियों का नाम था। परिजन उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर लगातार तीन दिनों से रूपनगढ़ के राजकीय स्वास्थ्य केंद्र के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। इसमें भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद भी शामिल थे।
शुक्रवार को प्रशासन और परिजनों के बीच आपसी बातचीत के बाद सभी मांगों पर लिखित सहमति बनने पर प्रदर्शन को समाप्त कर दिया गया। वहीं, पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद के अलावा सरकारी नौकरी देने के लिए सीएम कार्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है। इसके इतर सभी आरोपियों को नौ दिनों के भीतर गिरफ्तार किए जाने की भी बात कही गई। साथ ही थाना प्रभारी अयूब खान को हटाने के बाद पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई गई।
इधर, प्रदर्शन के समापन के बाद पुलिस ने मृतक ओमप्रकाश के शव को उसके परिजनों को सौंप दिया। इस दौरान उपखंड अधिकारी भंवरलाल जनागल, तहसीलदार हरेंद्र मूंड, एडिशन एसपी वैभव शर्मा, सीओ सिटी मनीष शर्मा सहित चारों थानों की पुलिस मौजूद रही। मामले की जांच सीओ सिटी मनीष शर्मा करेंगे। रूपनगढ़ के नोसल गांव में मृतक ओमप्रकाश का अंतिम संस्कार किया गया, जिसे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद और मृतक के पिता और बहन नीतू ने संयुक्त रूप से मुखाग्नि दी। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण वहां मौजूद रहे।