बताते हैं, 5,000 के क़रीब जवानों ने जंगल का चप्पा छाना. इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुरंसधान संगठन) के उपग्रहों से मदद ली गई.
यही कोई 24 घंटे के बाद आख़िर रुद्रकोंडा की पहाड़ी पर हेलीकॉप्टर के परखच्चे मिले. उसमें सवार राजशेखर रेड्डी सहित पांचों लोगों के ज़िस्म बुरी तरह झुलस चुके थे. टुकड़े-टुकड़े हो गए थे.