Gwalior: अगर मन में विश्वास हो और जीवन में कुछ करने का जज्बा हो तो किसी भी मंजिल तक पहुंचा जा सकता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है, ग्वालियर में बिजली का काम करने वाले एक इलेक्ट्रिशियन (Electrician Father) रविंद्र सेंगर की बेटी उर्वशी सेंगर (Urvashi Sengar) ने। उवर्शी का चयन UPSC में हो गया। उनका सपना एक बड़ी अफसर बनने का था।
उर्वशी सेंगर ने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा (UPSC Exam) पास की है। इन्हें 2020 की परीक्षा में 532 रैंक आई। ग्वालियर की न्यू ग्रेसम विहार बस्ती में रहने वाले रविंद्र सेंगर का छोटा सा घर है। वह ग्वालियर में मजदूरी करने निकल जाते और शाम को जब घर पहुंचते, तो बच्चों से पढ़ाई लिखाई के बारे में सबकुछ पूछते। रविंद्र पिछले को सालों से यही काम कर रहे है। उनकी तीन बेटियां और एक बेटा है।
उर्वशी ने इससे पहले भी UP-PSC की परीक्षा पास कर ली थी, उत्तर प्रदेश में नायब तहसीलदार के पद पर चयन हो गया था। परन्तु उनका सपना और बड़ी पोस्ट पर जाने का था। उनका मन UPSC क्रैक करने का था, इसलिए उन्होंने उस UP-PSC के पद पर ज्वाइन नहीं किया।
उर्वशी बेहद सामान्य परिवार से आती हैं। उनके पिता ग्वालियर में ही इलेक्ट्रिशियन का काम करके अपना परिवार पालते। बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए पहले ही जमीन बेच दी थी। इनकी प्रारंभिक पढ़ाई-लिखाई ग्वालियर के बादलगढ़ स्थित सरस्वती शिशु मंदिर से हुई है। फिर 2015 में बीएससी और भूगोल से पीजी पास किया है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि उर्वशी ने कॉलेज तक हिंदी मीडियम से पढ़ाई की है।
उर्वशी की पढ़ाई स्कॉलरशिप के पैसों से कॉलेज तक हुई। इसके बाद इन्हें यूपीएससी की तैयारी करने थी, तो घर पर ही तैयारी शुरू कर दी। मगर, दो बार प्री-लिम्स परीक्षा नहीं निकाल पाई थी। उन्होंने हार नहीं मानी और फिरसे मेहनत में जुट गई।
अपनी सेल्फ स्टडी के बल पर पढाई की थी, जिसमे दो प्रयास में फेल होने के बाद उर्वशी दिल्ली चली गईं। यहां पढ़ने के लिए कोचिंग ज्वाइन की, लेकिन फीस भरने के लिए पैसे नहीं थे। ऐसे में दूसरी कोचिंग में खुद एक जॉब कर ली। दिन में उस कोचिंग का काम करती थीं और शाम को अपनी कोचिंग में जाकर पढ़ती थीं।
अब वहां रहने के लिए किराए के पैसे नहीं थे। ऐसे में उन्होंने एक रिश्तेदार के यहां रहना शुरू किया। उनके घर पर रहकर ही पढाई की और यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली। उन्होंने UPSC की परीक्षा में 54वीं रैंक (54th Rank) हासिल की थी।
उन्हें एसडीएम का पद दिया जा रहा था, लेकिन उस वक़्त भी आर्थिक तंगी के होने के बाद भी उन्होंने वहां ज्वाइन नहीं किया। उन्हें तो कलेक्टर ही बनना था। उन्होंने UPSC की परीक्षा दी और उसमे सफलता हासिल किया। इलेक्ट्रिशियन पिता का मानना है कि बच्चों में लगन हो तो कोई भी परीक्षा या सफलता मुश्किल नही होती। उवर्शी की मां भी बेटी की सफलता से बहुत खुश है।