विवेक लखनपाल हमीरपुर से साइकिल पर सवार होकर 200 किलोमीटर का सफर तय कर चंडीगढ़ पहुंचे। उन्होंने एचआरटीसी हमीरपुर डिपो की कई बसों का निरीक्षण भी किया।हिमाचल पथ परिवहन निगम हमीरपुर डिपो में उपमंडलीय प्रबंधक (डीडीएम) विवेक लखनपाल ट्रैकिंग और साइकिलिंग के शौकीन हैं। 47 वर्ष की उम्र में भी उन पर यह जुनून इस कद्र छाया है कि वह धर्मशाला से दुर्गम रास्तों से ऊंचे बर्फीले पहाड़ों को लांघ कर तीन बार जिला चंबा तक पैदल सफर कर चुके हैं।
एक बार वह बैजनाथ के पपरोला से होली भरमौर भी पहुंचे हैं। गत दिवस विवेक लखनपाल हमीरपुर से साइकिल पर सवार होकर 200 किलोमीटर का सफर तय कर चंडीगढ़ पहुंच गए। उन्होंने एचआरटीसी हमीरपुर डिपो की कई बसों का निरीक्षण भी किया।
चंडीगढ़ के सेक्टर 24 में भोजन के बाद वह वापस साइकिल से ऊना पहुंचे। बाद में बस में सवार होकर हमीरपुर पहुंचे। विवेक नादौन विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत भदरूं के गांव कुसियार के रहने वाले हैं। उन्होंने सैनिक स्कूल सुजानपुर से वर्ष 1991 में 12वीं की कक्षा उत्तीर्ण की है। इसके बाद एनआईटी गोवा से मेकेनिकल में बीटेक की।
कुछ साल तक उन्होंने मुंबई में एक वाहन निर्माता कंपनी में काम किया। इसी बीच, उनके पिता का अकस्मात निधन हो गया। इसके चलते नौकरी छोड़कर हमीरपुर आना पड़ा। इसके बाद उन्होंने करीब दो साल तक एनआईटी हमीरपुर में अनुबंध पर कक्षाओं में विद्यार्थियों को पढ़ाया। इसी बीच उनका चयन एचआरटीसी में वर्क मैनेजर के पद पर हो गया।
वह वर्तमान में एचएचआरटीसी हमीरपुर में डीडीएम के पद पर सेवाएं दे रहे हैं। डीडीएम विवेक लखनपाल का कहना है कि उन्हें पहाड़ों में घूमना और कैंप में रात बिताने तथा साइकिल का बचपन से ही शौक है। वर्तमान में नौकरी और परिवार की जिम्मेवारियों के चलते मुश्किल से समय निकाल पा रहे हैं। हालांकि, वह हर रविवार को लोकल में साइकिलिंग करते हैं।