प्रेमिका की हत्या कर शव दीवान में छिपाया, सोना-चांदी लेकर हो गया फरार, 2 साल बाद मिली कड़ी सजा

कोरबा. छत्तीसगढ़ के कोरबा में प्रेमिका की हत्या कर शव दीवान में छिपाने वाले प्रेमी को कोर्ट ने  आजीवन कारावास सुनाई है. महिला की हत्या के चार साल पुराने एक मामले में न्यायालय ने आरोपी प्रेमी  युवक को आजीवन कारावास की सजा दी है. शासकीय अभिभाषक रोहित रजवाड़े ने बताया कि युवक ने फेसबुक में महिला से दोस्ती की उसके  बाद उसके साथ रहने लगा था. चरित्र संदेह को लेकर दोनों के बीच  विवाद होने लगा. रात को गला घोंट कर हत्या करने के बाद शव को घर के दीवान के अंदर डाल छिपा दिया था. छह दिन बाद परिजनों  ने पतासाजी की, तो यह घटना सामने आई.

कोरबा की कोर्ट ने आरोपी को सजा दी है.

दरअसल यह मामला मानिकपुर पुलिस चौकी कृष्णानगर का है. यहां रहने वाली 33 वर्षीय  सुप्रिया  के पति का निधन एक वर्ष पहले हो चुका था. घर पर सुप्रिया अकेले रहती थी. उसके दो बच्चे अपने नानी के घर कोंडागांव में रह कर पढ़ाई करते थे. सुप्रिया की दोस्ती फेसबुक के माध्यम से महाराष्ट्र के चाकन थाना क्षेत्र निवासी रानू शुक्ला दास उर्फ संदीप दास से हो गई. बात बढ़ते हुए शादी तक जा पहुंची और वह महाराष्ट्र से कोरबा कृष्णानगर आ गया और उसके साथ रहने लगा. अभी उसे आए एक सप्ताह ही हुआ था कि दोनों के बीच विवाद होने लगा. उसका कहना था कि दिन भर घर में संदिग्ध लोगों का आना जाना लगा रहता था.

हत्या कर शव छिपाया
चरित्र संदेह को लेकर दोनों के बीच विवाद होने लगी. इससे नाराज होकर रानू ने सुप्रिया की हत्या की योजना बना ली और 22 -23  जनवरी 2019  की रात सुप्रिया का गला दबा कर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद शव को पहले प्लास्टिक में लपेटा और उसके उपर चादर लपेट कर दीवान में छिपा दिया. सोने चांदी के जेवर एटीएम कार्ड आदि लेकर फरार हो गया. सुप्रिया के परिजन 29 जनवरी 2019  को एक वैवाहिक कार्यक्रम में नहीं पहुंचने पर उसे मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास किया, पर रिसीव नहीं हुआ. तब पड़ोसी से संपर्क कर सुप्रिया का हाल जाना.इस दौरान बताया गया कि घर के दरवाजे में कई दिनों से ताला लगा हुआ है. इसकी सूचना पुलिस को दी गई. ताला तोड़ने पर शव बरामद हुआ. आरोपी  को पुलिस महाराष्ट्र से गिरफ्तार कोरबा ले आई. उसके खिलाफ धारा 302, 209, 360 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर मामला न्यायालय में पेश किया गया. सुनवाई के बाद जिला  सत्र न्यायाधीश डी एल कटकवार ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई.