सीरियल किलिंग मतलब एक के बाद एक कत्ल, लेकिन अगर ये कत्ल करने वाला कोई डॉक्टर हो और उसके निशाने पर हो उसके ही मरीज़ जिनका वो इलाज करता है, तो जरा सोचिए ये कितना भयानक है। आज ऐसे ही एक डॉक्टर की कहानी जिसने अपनी सनक में 250 कत्ल कर डाले और किसी को खबर भी ना हुई।
उम्र – 80 साल
मौत की वजह-ओल्ड एज
डॉक्टर- हारोल्ड शिपमैन
इंग्लैंड में नब्बे के दशक में जितनी भी बूढ़ी महिलाओं की मौत हुई, उनके डेथ सार्टिफिकेट में एक चीज़ कॉमन थी और वो था डेथ सार्टिफिकेट बनाने वाले डॉक्टर का नाम। सफेद रंग का कोट, गले में स्टेटोस्कोप , हाथ में मरीज की फाइल और दिमाग में एक ऐसी खौफनाक साजिश जिसने ले ली 250 ज़िंदगियां… ये कहानी है मौत बांटने वाले एक डॉक्टर की। दुनिया का सबसे खतरनाक डॉक्टर जिसे कहते हैं ‘एंजेल ऑफ डेथ’ या ‘मौत का मसीहा’। ये डॉक्टर पहले से ही तय कर लेता है अपने पेशेन्ट का भविष्य, ये जानता है कि चंद घंटों में वो मरीज मरने वाला है, क्योंकि वो खुद लिखता है उस मरीज की मौत।
मौत के डॉक्टर की कहानी
डॉक्टर हारोल्डशिपमैन का पेशेंट की तरफ बढ़ता हुआ एक-एक कदम उसे मौत के करीब ले जाता है। डॉक्टर शिपमैन की दवाई पेशेंट को ठीक नहीं बल्कि हमेशा के लिए मौत की नींद सुला देती हैं। 28 साल तक ये डॉक्टर अपने मरीजों को ज़िंदगी की जगह मौत देता रहा और किसी को खबर तक न हुई। एक के बाद लोग मरते रहे लेकिन सफेद कोट पहने इस मौत के डॉक्टर को कोई पहचान ही नहीं पाया। इस डॉक्टर के निशाने पर थीं उम्रदराज महिलाएं। एक दो नहीं 250 डेथ सार्टिफिकेट को इस डॉक्टर ने लिख डाला।
मरीज़ों को मौत बांटता
पहले ये डॉक्टर अपने मरीजों का विश्वास जीतता, फिर धीरे-धीरे उन्हें वो दवाई देता जो उन्हें मौत के बेहद करीब ले जाती। डॉक्टर शिपमैन का अपने मरीजों को मौत देने का तरीका इतना शातिर था कि किसी भी मरीज या उसके रिश्तेदारों को ये शक भी नहीं हुआ कि उनके साथ क्या हो रहा है। डॉक्टर के वेश में ये हैवान एक बाद एक बूढ़ी महिलाओं का कत्ल कर रहा था, लेकिन इसे लोग भगवान का रूप मानते थे। एक तरफ ये महिलाओं को मौत देता था तो दूसरी तरफ उन्हें ठीक होने का हौसला भी।
अंतिम संस्कार में पहुंचता
इतना ही नहीं ये सीरियल किलर डॉक्टर हर उस शख्स के अंतिम संस्कार में भी ज़रूर पहुंचता था जिसके डेथ सार्टीफिकेट में इसका नाम होता था। लोमाना जाग इसे डॉक्टर शिपमैन की अच्छाइयों में जोड़ते थे। माना जाता था कि डॉक्टर शिपमैन अपने मरीजों से इस कदर जुड़े जाते थे कि वो उनके अंतिम यात्रा में भी उन्हें अकेला नहीं छोड़ते थे और इसलिए मरीज़ों के परिवारवाले इस डेथ डॉक्टर को भगवान का रूप ही मानते थे।
किसी को नहीं हुई खबर
ये सिलसिला करीब बीस साल तक एसे ही चलता रहा। पहले तो किसी का ध्यान इस तरफ नहीं गया लेकिन फिर जब एक के बाद एक डेथ सार्टीफिकेट पर डॉक्टर शिपमैन का नाम दिखने लगा तो संशय के आधार पर एक अधिकारी ने इस बात पर शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस की एक टीम बनाई गई जो डॉक्टर
इसी दौरान एक टैक्सी ड्राइवर ने भी डॉक्टर शिपमैन को लेकर बेहद सनसनीखेज खुलासा किया। इस टैक्सी ड्राइवर ने बताया कि उसने अब तक 23 बूढ़ी महिलाओं को अपनी टैक्सी में बिठाकर डॉक्टर शिपमैन के अस्पताल में छोड़ा। वो सारा महिलाओं की हालात बेहद सामान्य थी लेकिन डॉक्टर हारोल्ड शिपमैन से इलाज के दौरान उन महिलाओं की मौत हो गई। टैक्सी ड्राइवर ने बताया कि उन सभी महिलाओं की आखिरी प्रेयर में भी डॉक्टर शिपमैन पहुंचे थे।
बुजुर्ग महिलाएं निशाने पर
टैक्सी ड्राइवर के इस खुलासे के बाद पुलिस की एक नई टीम जांच के लिए बनाई गई लेकिन ठीक इसी दौरान एक और बुजुर्ग महिला की मौत की खबर आई और डेथ सार्टिफिकेट में फिर से डॉक्टर शिपमैन का नाम था। इस बार मामला और भी पेचीदा था क्योंकि पता चला कि जिस महिला की मौत हुई है उसने अपनी मौत से पहले डॉक्टर शिपमैन के नाम अपनी वसीहत में से 386000 पॉन्ड यानी करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये कर दिए। इस मामले को लेकर महिला के परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई तो इसके बाद ही डॉक्टर की हकीकत दुनिया के सामने आई।
मॉरफिन की ओवरडोज से कत्ल
डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया। डॉक्टर शिपमैन से जुड़े सभी डेथ केस फिर से ओपन किए गए तो पता चला कि जितनी भी डेथ हुईं थी उन सब का तरीका एक था। डॉक्टर हारोल्ड शिपमैन अपने मरीजों मारफिन देते की ओवरडोज देते थे। मारफिन एक तरह की पेन किलर होती है, अमेरिका समेत कई देशों में ये बैन है। कैंसर जैसे बड़ी बीमारियों के इलाज में इसका इस्तेमाल होता है। इसमें अफीम की मात्रा काफी ज्यादा होती है, क्योंकि यूके में ये बैन नहीं थी इसलिए किसी को भी डेथ देने वाले इस डॉक्टर पर शक ही नहीं हुआ।
मां की मौत ने बनाया सीरियल किलर
दो साल तक ये जांच चलती रही और आखिरकार 31 जनवरी 2000 को इस सीरियल किलर डॉक्टर के खिलाफ कत्ल के 15 मामले साबित हो पाएऔर इसे पूरी ज़िंदगी जेल में रहने की सजा दी गई। इसी दौरान एक हकीकत सामने आई कि आखिर ये डॉक्टर क्यों एक सीरियल किलर बन गया और अपने ही मरीजों का कत्ल करने लगा। दरअसल जब इस डॉक्टर की उम्र सत्तरह साल थी तो इसकी मां की कैंसर से मौत हो गई थी। शिपमैन की मां के ट्रीटमेंट के लिए मॉरफिन को इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन इलाज के बावजूद भी उन्हें नहीं बचाया जा सका। ये सीरियल डॉक्टर अपनी मां के बेहद करीब था। मां की मौत के बाद ही शिपमैन ने डॉक्टर बनने का फैसला किया, लेकिन लोगों को ज़िंदगी देने के लिए नहीं बल्कि मौत देने के लिए।
250 कत्ल और फिर सुसाइड
जब डॉक्टर शिपमैन की सच्चाई लोगों के सामने आई तो पूरे ब्रिटेन में सनसनी मच गई। लोगों ने इस डॉक्टर ने ही इसी डॉक्टर को डेथ डॉक्टर और ‘एंजेल ऑफ डेथ’ का नाम दिया। अब ये सीरियल किलर डॉक्टर जेल में था लेकिन अभी इसके हाथों एक और जिंदगी खत्म होनी बाकी थी और वो मौत खुद इस डॉक्टर की। डॉक्टर शिपमैन ने सजा मिलने के चार साल बाद यानी 2004 में सुसाइड कर लिया और इस तरह आखिरकार मौत का ना खत्म होने वाला सिलसिला थम गया।