2022-09-28
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सभी लोग इसी सोच में डूबे रहे कि आज का दिन तो जैसे-तैसे बीत जाएगा लेकिन आने वाले दिनों में वह लक्ष्य के सवालों का कैसे सामना करेंगे। मोनिका ने बताया कि मासूम दिनभर अपनी तीनों बहनों को ढूंढता रहा। हालांकि, लक्ष्य ने किसी बात पर कोई जिद्द नहीं की लेकिन कहीं न कहीं उसकी आंखों में मां-बाप की तलाश दिख रही थीं। उसकी दीदी को शिलाई भेजने की बात इसलिए कहनी पड़ी क्योंकि ईशिता का चयन फोक डांस की ब्लॉक स्तरीय स्पर्धा के लिए हुआ था जिसे गत सोमवार को शिलाई जाना था। इसकी सारी तैयारियां रविवार की रात ही कर ली गईं थीं।
बता दें कि शिलाई उपमंडल के रोनहाट के समीप खिजवाड़ी गांव का लक्ष्य अपने पिता प्रदीप और माता ममता सहित अपनी तीन बहनों ईशिता (8), अलीशा (6) व ऐरंग (2) को एक दर्दनाक हादसे में हमेशा के लिए खो चुका है। इस बीच परिजनों में इस बात की चिंता दोहरी बढ़ गई है। एक तरफ तो परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा है, दूसरी ओर तीन साल के मासूम की जिम्मेदारी भी अब हर तरह से उनके कंधों पर आ गई है।
हादसे के दौरान मृतक ममता सात महीने की गर्भवती थी। इसलिए इस हादसे में छह नहीं, बल्कि सात लोगों की मौत हुई है। सभी लोगों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि पीड़ित परिवार को मिलने वाला मुआवजा छह सदस्यों का नहीं, बल्कि सात सदस्यों का दिया जाए। उन्होंने बताया कि परिवार का आखिरी वारिस लक्ष्य वर्तमान में महज तीन वर्ष का है।
इतनी छोटी उम्र में उसके सिर से मां-बाप सहित तीन बहनों का साया उठ गया है। ऐसे में परिवार के आखिरी चिराग को उसके मां के कोख में पल रहे बच्चे की मौत का भी मुआवजा मिलना चाहिए। उन्होंने स्थानीय प्रशासन और सरकार से पीड़ित परिवार को जल्द मुआवजा राशि जारी करने का आग्रह किया है।
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