नई दिल्ली. हर कोई चाहता है कि रिटायरमेंट के समय उनके पास इतना जमापूंजी हो कि उनका आगे का जीवन आर्थिक चिंताओं से मुक्त गुजरे. इसलिए लोग करियर की शुरुआत से ही निवेश और बचत शुरू कर देते हैं. इसमें एक बड़ा योगदान (अगर आप नौकरीपेशा हैं) ईपीएफओ का होता है जिसने प्रोविडेंट फंड को लगभग सभी कर्मचारियों और कंपनियों के लिए अनिवार्य किया हुआ है. हालांकि, अगर आप रिटायरमेंट के बाद एक सुखी और आर्थिक रूप से संपन्न जीवन चाहते हैं तो आपको इससे अधिक रुपयों की जरूरत होगी. अगर आप फंड जुटाने में कुछ लेट हो गए हैं तो भी घबराएं नहीं और इन कुछ बातों का ध्यान रखते हुए इस दिशा में कदम आगे बढ़ाएं.
आपके पास है कितना फंड- यह देखें कि आपके पास अब तक कितनी संपत्ति जमा हुई है. यह रिटायरमेंट के बाद आपके काम आएगी और इससे यह तय करना आसान हो जाएगा कि आपको और कितने पैसों की जरूरत है. इसके लिए आप अपने पेंशन फंड, बैंक में जमा, अचल संपत्ति या घर व बैंक में रखा सोना देख सकते हैं.
कितनी है आपकी जरूरत- अब यह देखें कि आपको कितने फंड की जरूरत होगी. उसके बाद बाद इसी अनुसार निवेश करना शुरू करें. यहां आप ये भी देख सकते हैं कि आपको किस निवेश विकल्प का चयन करना है. देर से निवेश शुरू करने पर अधिक जोखिम वाले विकल्पों से दूर रहने की कोशिश करें.
गैर-जरूरी खर्च खत्म करें- आपको ऐसे किसी भी खर्च पर रोक लगा देनी चाहिए जो बहुत जरूरी न हो. कभी-कभी कुछ चीजों का आनंद लेने में कोई बुराई नहीं है लेकिन उसकी फ्रीक्वेंसी बिलकुल घटा दें. अभी आपका बचाया हुआ 1-1 रुपया आने वाले समय में हजारों रुपये में तब्दील हो सकता है.
एक्सपर्ट से मिलें- जब आप करियर के शुरुआती दौर में निवेश करना चालू करते हैं तो आपके पास रिस्क लेने की क्षमता होती है लेकिन देरी से ऐसा करने वाले लोगों को ये लग्जरी नहीं मिल पाती. इसलिए निवेश से पहले किसी वित्तीय एक्सपर्ट की सलाह लें ताकि आप गलत कदम उठाकर अपनी जमापूंजी जाया न कर दें.