नियमों में प्रावधान के बावजूद हर साल अप्रैल माह में शिक्षकों की पदोन्नति नहीं हो पा रही है। सत्र के शुरू में टीजीटी से हेडमास्टर व प्रवक्ता पदोन्नति करने में हर वर्ष विलंब हो रहा है। प्रदेश के हजारों टीजीटी यह उम्मीद कर रहे थे कि फरवरी 2023 में दस दिन के 3 अंदर प्रमोशन केस जमा करने की डेडलाइन के चलते इस बार टीजीटी से प्रवक्ता और टीजीटी से हेडमास्टर पदोन्नति सूची अप्रैल माह में जारी होगी। मगर 15 मई 2023 तक भी ये सूचियां जारी न हो सकीं।
इस विलंब का शिकार वे शिक्षक हो रहे हैं जो इस वर्ष अब तक बतौर टीजीटी ही सेवानिवृत्त हो गए। इस विलंब को अनुचित बताते हुए टीजीटी कला संघ ने उच्च शिक्षा निदेशक से अपील की है कि टीजीटी से हेडमास्टर पदोन्नति के लिए उपलब्ध पैनल से सूची 25 मई तक जारी की जाए। इसी तरह बार-बार एसीआर न आने का हवाला देकर हर बार लटकाई जा रही टीजीटी से प्रवक्ता व हेडमास्टर प्रमोशन लिस्ट भी उपलब्ध पैनल से जारी की जाए।
यह बात टीजीटी कला संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल, महासचिव विजय हीर, डेलीगेट्स संजय ठाकुर, देश राज, दुनी चंद, सोहन सिंगटा,रणवीर तोमर, देश राज शर्मा, जिलाध्यक्ष संजय वर्मा, सीताराम पोजटा, राजेन्द्र ठाकुर, विजय बरवाल, सुभाष भारती,राकेश चौधरी, रिग्ज़िन संदप, संजय चौधरी, रविन्द्र गुलेरिया, रामकृष्ण, रमेश अत्री, अमित छाबड़ा ने कहा कि टीजीटी नियमितीकरण सूचियां भी शीघ्र जारी की जाएं। क्योंकि इनके जारी होने में भी 45 दिन का विलंब हो चुका है। शिक्षा कोड व नियमावली के तहत हर वर्ष समय पर की जानी अपेक्षित हैं।
मगर हर साल नए-नए बहाने और नए-नए हथकंडे अपनाकर ये पदोन्नतियां लटकाई जाती हैं, जिसके चलते कई टीजीटी आज तक बिना प्रमोशन ही रिटायर हो गए। संघ ने कहा कि टीजीटी शिक्षकों के हितों की रक्षा हेतु उच्च शिक्षा विभाग और प्रदेश सरकार को शीघ्र उचित कदम उठाने चाहिए। प्रवक्ता और हेड मास्टर कैडर में उपलब्ध प्रमोटी बैकलॉग को शीघ्र पदोन्नति से भरा जाए ताकि शिक्षक पदोन्नत हो सकें। कुछ संघों ने टीजीटी प्रमोशन को तथ्य छुपाकर स्टे करवाने का प्रयास किया है, जिसके प्रति संघ हाईकोर्ट में सारे तथ्य प्रस्तुत करेगा।