Delhi Auto-Taxi Fare Hike News: किराया भी बढ़ गया, अब क्या मीटर से चलने को राजी होंगे ऑटो-टैक्सी वाले?

दिल्लीवासियों को शुक्रवार को महंगाई का एक और डोज मिला जब लोगों का पता चला कि ऑटो और टैक्सी वालों ने अपने किराए में बढ़ोतरी कर दी है। सीएनजी के दाम बढ़ने के बाद दिल्लीवालों के लिए यह दूसरा झटका है। दिल्ली सरकार ने परिवहन विभाग की ओर से आए प्रस्ताव पर अपनी मंजूरी दे दी है। लेकिन सवाल यह कि क्या अब ऑटो-टैक्सी वाले मीटर से चलना शुरू करेंगे।

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दिल्ली में बढ़े ऑटो-टैक्सी के किराए

नई दिल्ली : दिल्ली की जनता हमेशा से इस बात को लेकर परेशान रही है कि यहां के ऑटो वाले मीटर से नहीं चलते। खासकर इस साल सीएनजी के दामों में हुई बढ़ोतरी के बाद से तो ऑटो चालकों ने मीटर से चलना लगभग बंद ही कर दिया है। हालांकि, कई लोग ऑटो चालकों की दिक्कतों को समझते भी हैं और उन्हें वाजिब हद तक ज्यादा किराया देने के लिए राजी भी हो जाते हैं, लेकिन कई ऑटो वाले थोड़ी-सी दूर जाने के लिए भी इतना ज्यादा किराया मांगने लगते हैं कि लोग या तो भड़क जाते हैं और उनसे बहस करने लगते हैं या फिर हाथ जोड़कर चलते बनते हैं। अब जब दिल्ली में किराया बढ़ गया है तो क्या ऐसे में ऑटो और टैक्सी वाले मीटर से चलना शुरू करेंगे?

ऑटो चालक लगातार यही कहते आ रहे थे कि सीएनजी के दाम इतने बढ़ गए हैं कि मीटर से चलना उनके लिए मुश्किल हो गया है। इसी बढ़ोतरी का हवाला देकर ऑटो-टैक्सी चालकों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई थी, जिसके बाद मई में चालकों की मांगों पर गौर करने के लिए दिल्ली सरकार ने परिवहन विभाग के अंतर्गत 13 सदस्यों की एक कमिटी बनाई थी। इस कमिटी ने तमाम पहलुओं पर गौर करने के बाद जून में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें किराया बढ़ाने की सिफारिश करते हुए किराए का नया स्ट्रक्चर भी सरकार के सामने प्रस्तुत किया था। उसी स्ट्रक्चर के आधार पर अब दिल्ली सरकार ने किराए में बढ़ोतरी की मंजूरी दी है। जल्द ही नोटिफिकेशन जारी होने के बाद बढ़ा हुआ किराया लागू भी हो जाएगा।

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जनवरी से अब तक सीएनजी के दामों में करीब 50 पर्सेंट की बढ़ोतरी हो चुकी है, जबकि किराए में प्रस्तावित बढ़ोतरी करीब 20 पर्सेंट की ही है। यहां पर गौर करने वाली बात यह भी है कि दिल्ली में ऑटो-टैक्सी चालकों की दो प्रमुख यूनियनें लगातार किराया बढ़ोतरी के प्रस्ताव का विरोध करती रही हैं, क्योंकि इन यूनियंस को लगता है कि अगर किराया और बढ़ा, तो लोग ऑटो के बजाय कैब से सफर करने को तरजीह देने लगेंगे, जिससे उन्हें सवारियां मिलनी और कम हो जाएंगी।

अब इतना देना होगा किराया, टेबल देखिए

इसी का हवाला देते हुए ये यूनियंस किराया बढ़ाने के बजाय सरकार से सीएनजी पर सब्सिडी देने और 35 रुपये किलो के रेट पर सीएनजी मुहैया कराने की मांग करती आ रही थीं, लेकिन सरकार ने पहले ही साफ कर दिया था कि सीएनजी पर सब्सिडी देना संभव नहीं है। यही वजह है कि ऑटो-टैक्सी चालकों को राहत देने के लिए किराए में बढ़ोतरी करने का फैसला ही सरकार को ज्यादा उचित लगा और उसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।