दिल्ली के मुंडका इलाके में मेट्रो स्टेशन के पास स्थित तीन मंजिला व्यावसायिक इमारत में शुक्रवार शाम भीषण आग लग गई। हादसे में महिला समेत 27 लोगों की मौत हो गई, जबकि 12 लोग झुलस गए, जिन्हें ग्रीन कॉरिडोर बनाकर संजय गांधी अस्पताल भेजा गया। देर रात तक दमकल की 30 गाड़ियां आग बुझाने में जुटी हुईं थी। अग्निशमन विभाग के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि रात 11 बजे तक इमारत से 26 शव निकाले गए थे, जबकि एक महिला की कूदने से मौत हो गई। अभी कई लोगों के इमारत में फंसे होने की आशंका हैं, ऐसे में मौत का आंकड़ा बढ़ भी सकता है। हालांकि दमकल और पुलिसकर्मियों ने मिलकर 50 लोगों को इमारत से सुरक्षित बाहर निकाल लिया था। पुलिस ने पहली मंजिल पर चल रही कंपनी के संचालक हरीश गोयल और वरुण गोयल को हिरासत में ले लिया है। इमारत के मालिक मनीष लाकड़ा से भी पूछताछ की जा रही है।
आग लगते ही मची अफरातफरी प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पहली मंजिल में आग लगते ही अफरातफरी मच गई। इमारत में फंसे लोग बाहर निकलने के लिए जद्दोजहद कर रहे थे। स्थानीय लोग जनरेटर से आग लगने की बात कह रहे हैं।
उन्होंने बताया कि धुएं की वजह से लोग कुछ देख नहीं पा रहे थे। कुछ लोगों ने इमारत से छलांग लगाकर अपनी जान बचाई। आग लगने की जानकारी मिलते ही आसपास के सैकड़ों लोग वहां पहुंच गए।
लोगों के जुटने से वहां जाम लग गया। वहां पहुंचने वाले कुछ ऐसे भी लोग थे जिनके अपने इमारत में खुले कार्यालयों में काम करते थे। वह अपने परिचितों से फोन कर उनका हालचाल जानने की कोशिश कर रहे थे, जानकारी नहीं मिलने पर वह पुलिस के पास पहुंच रहे थे। बाद में पुलिस ने लोगों को घटनास्थल से दूर हटाया और राहत कार्य में जुट गए।
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कई लापता, इमारत में चल रही थी बैठक पुलिस की जांच में पता चला है कि हादसे के वक्त तीसरी मंजिल पर एक कंपनी की बैठक चल रही थी। बैठक में काफी संख्या में लोग मौजूद थे। पुलिस ने कंपनी के मालिक को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
आशंका जताई जा रही है कि आग लगने के बाद कुछ लोग वहां फंस गए थे। बैठक में शामिल कुछ लोग अभी भी लापता हैं। दमकल विभाग आग बुझाने के बाद सर्च ऑपरेशन शुरू करेगी। फिलहाल दमकल विभाग आग पर काबू पाने में जुटी है।
मेट्रो संचालन भी हुआ प्रभावित यह इमारत रोहतक रोड के किनारे ही स्थित है। ऐसे में आग की लपटें ऊपर उठने के दौरान मेट्रो का परिचालन भी कुछ समय के लिए अवरुद्ध हो गया। बाद में आग को नियंत्रित करने के बाद परिचालन फिर से शुरू किया गया।
नहीं थी बिल्डिंग में फायर की एनओसी मुंडका इलाके की जिस इमारत में आग लगी, वहां बिना फायर एनओसी के ही कई दफ्तर चलाए जा रहे थे। कमाल की बात यह है कि बिल्डिंग में एक समय में 100 से अधिक लोग मौजूद रहते थे, लेकिन उसके बावजूद इमारत के मालिक ने वहां आग से बचाव के कोई खास इंतजाम नहीं किए थे।
सूत्रों का कहना है कि इमारत में आने और जाने के लिए एक ही जीने का इस्तेमाल किया जाता था। किसी हादसे के समय बचकर निकलने के लिए इमारत में फायर एग्जिट का भी इंतजाम नहीं किया गया था।
दमकल विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना था कि उनकी प्राथमिकता पहले राहत और बचाव कार्य की है। बिल्डिंग मालिक ने क्या-क्या लापरवाही की हुई थी, इसकी जांच बाद में की जाएगी।