नोएडा. दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में रहने वाले खासतौर से बच्चों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. हालांकि बच्चों की इस खुशी में बड़े भी शामिल हो सकते हैं. दिल्ली-एनसीआर को एक और जू (Zoo) मिलने जा रहा है. यह खास जू वर्ल्डस ऑफ वंडर के नाम से जाना जाएगा.
इसे ‘वेस्ट टू वंडर पार्क’ की थीम पर तैयार किया जाएगा. बच्चों ही नहीं बड़ों के आकर्षण का केन्द्र बनने वाला यह जू नोएडा में महामहाया फ्लाई ओवर और कालिंदी कुंज (Kalindi Kunj) के पास बनेगा. नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) इसे पीपीपी मॉडल पर बनवाने की योजना पर काम कर रही है. आने वाली बोर्ड मीटिंग में इसका प्रस्ताव रखा जा सकता है. अथॉरिटी जू की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट पहले ही तैयार करा चुकी है.
जू में मगरमच्छ पर झूलेंगे बच्चे
जू में बच्चे न सिर्फ जानवरों को देखेंगे बल्कि मगरमच्छ पर झूलेंगे भी. सीमेंट के कुछ झूले बड़े जानवरों की आकृति वाले बनाए जाएंगे. वहीं बच्चों को दूसरे जानवर और चिडियां दिखाने के लिए कबाड़ से उनकी आकृति बनाई जाएगी. जैसे एक पुरानी मशीन के ऊपर लोहे से बनी पानी की टंकी रखकर उसे जिराफ की शक्ल दी जाएगी. ऐसे ही कबाड़ से जू का गेट बनाया जाएगा. लेकिन इसकी आकृति शेर की होगी. कुछ इसी तरह के प्लान पर नोएडा अथॉरिटी इस जू पार्क को बनवाने जा रही है. नोएडा ही नहीं, पूरे दिल्ली-एनसीआर में यह अपनी तरह का पहला पार्क होगा.
20 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा कबाड़ी जानवरों का पार्क
नोएडा अथॉरिटी महामाया फ्लाई ओवर के नीचे एक पार्क बनाने जा रही है. यह पार्क वर्ल्डस ऑफ वंडर के नाम से होगा. इस पार्क में दुनियाभर के कबाड़ी जानवर होंगे. मतलब यह जानवर वेस्ट से बने होंगे. जानवरों की आकृति होगी. इस पार्क पर करीब 20 करोड़ रुपये की लागत आने की उम्मीद है. हालांकि इस पार्क का प्रस्ताव काफी पुराना है. लेकिन विधानसभा चुनावों की आचार संहिता के चलते प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया था. लेकिन अब इसे अथॉरिटी की बोर्ड बैठक में रखने की तैयारी चल रही है.
बॉटनिकल गॉर्डन में बनेगी फ्लावर, प्लांट गैलरी और म्यूजियम
नोएडा के सेक्टर-38 में बॉटनिकल गॉर्डन है. यह गॉर्डन एक बड़े एरिया में बना हुआ है. जानकारों की मानें तो इस पार्क में कई तरह के मेडिसिनल प्लांट लगे हुए हैं. यहां पहुंचने के लिए बॉटनिकल मेट्रो स्टेशन भी है. लेकिन अब नोएडा अथॉरिटी यहां फ्लावर, प्लांट गैलरी और म्यूजियम बनाने का काम शुरू कर रही है. इसके लिए वन मंत्रालय से मंजूरी भी मिल गई है.
निर्माण का जिम्मा सीपीडब्ल्यूडी को दिया गया है. अथॉरिटी से जुड़े अफसरों की मानें तो इस पर 400 से 500 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. गैलरी और म्यूजियम 4 मंजिला होंगे. यह इमारत 39 हजार वर्गमीटर एरिया में बनकर तैयार होगी. इसमे कई तरह के एक्सपर्ट की राय ली जा रही है.