ग्रैप के स्टेज-1 को लागू किया जा रहा है। दिल्ली-एनसीआर में इसके तहत लगाए जा रहे सभी कदमों का अब सख्ती से पालन होगा। ग्रैप के पहले चरण में 23 कदम उठाने के लिए विभिन्न एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर के बाद यह फैसला लागू हुआ है। आईआईटीएम पुणे के अनुसार, प्रदूषण खराब स्तर पर पहुंच गया है।
नई दिल्ली: ग्रैप (ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान) के लिए इस बार पूर्वानुमान अहम है, लेकिन ग्रैप लागू होने के बाद प्रदूषण बिना किसी पूर्वानुमान के खराब स्थिति में पहुंच गया। प्रदूषण के खराब होने के साथ ही बुधवार को सीएक्यूएम (कमिशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट) की सबकमिटी की ग्रैप को लेकर पहली मीटिंग हुई, जिसमें ग्रैप के पहले चरण को तुरंत प्रभाव से दिल्ली-एनसीआर में लागू कर दिया गया। इसके तहत अब 500 स्क्वॉयर मीटर से बड़े ऐसे निर्माण कार्य पर रोक रहेगी, जिन्होंने सरकारी वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है।
सीएक्यूएम के अनुसार, ग्रैप 1 अक्टूबर से ही लागू कर दिया गया है। इसका पहला फेज 5 अक्टूबर से लागू हो रहा है। बुधवार शाम हुई मीटिंग में आईआईटीएम पुणे की तरफ से जारी प्रदूषण के पूर्वानुमान का आकलन किया गया। इसमें पाया गया कि 5 अक्टूबर को प्रदूषण का स्तर बढ़कर खराब स्थिति में पहुंच गया है। हवा सुस्त होने पर स्थानीय वजहों से ऐसा हआ है। प्रदूषण के और अधिक बढ़ने की संभावना नहीं है। इसके बावजूद प्रदूषण को सामान्य स्तर पर लाने व बनाए रखने के लिए ग्रैप के स्टेज-1 को लागू किया जा रहा है। दिल्ली-एनसीआर में इसके तहत लगाए जा रहे सभी कदमों का अब सख्ती से पालन होगा। ग्रैप के पहले चरण में 23 कदम उठाने के लिए विभिन्न एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है।
क्या-क्या पाबंदियां होंगी लागू
– सरकारी वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं करवाने पर 500 स्क्वॉयर मीटर या इससे अधिक के निर्माण कार्य के प्रोजेक्ट पर रोक रहेगी
– धूल को कम करने, निर्माण व मलबे से होने वाली धूल को रोकने के प्रभावी कदम
– खुली जगहों पर कूड़ा नहीं डाला जाएगा, संबंधित सिविक एजेंसी कूड़े का निस्तारण बेहतर तरीके से करेंगी
– सड़कों, लैंडफिल साइट आदि पर पानी का छिड़काव करना होगा
– निर्माण साइटों पर नए नियमानुसार एंटी स्मॉग गन लगानी होंगी
– लैंडफिल साइट पर आग लगने की घटनाएं रोकने के पर्याप्त इंतजाम होंगे
– ट्रैफिक जाम वाली जगहों पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी रहेंगे
– पीयूसी के नियमों का सख्ती से पालन होगा
– उद्योगों में सिर्फ अप्रूव्ड फ्यूल का इस्तेमाल हो सकेगा
– पटाखों पर रोक रहेगी
– कर्मियों के लिए यूनिफाइड कम्यूट को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि जाम न लगे
लोगों को क्या करना होगा
– अपनी गाड़ियों की ट्यूनिंग प्रॉपर करवानी होगी
– गाड़ियों के टायर में एयर प्रेशर मेंटेन करना होगा
– यदि गाड़ी को रेड लाइट पर रोकना पड़ रहा है तो इंजन बंद करने होंगे
– खुले में कूड़ा न डालें
– कहीं प्रदूषण फैलाने वालों को देखें तो 311 ऐप, ग्रीन दिल्ली ऐप, समीर ऐप आदि पर रिपोर्ट करें
कैसा रहेगा आगे प्रदूषण
आईआईटीएम पुणे के अनुसार, प्रदूषण खराब स्तर पर पहुंच गया है। 6 अक्टूबर को भी प्रदूषण सामान्य से खराब स्थिति में रह सकता है। इसके बाद 7 और 8 अक्टूबर को प्रदूषण में सुधार होगा और यह सामान्य स्थिति में पहुंच जाएगा। इसके बाद अगले छह दिनों तक प्रदूषण संतोषजनक से सामान्य स्थिति में रह सकता है। बुधवार को हवाएं दक्षिणपूर्वी और उत्तरपूर्वी दिशा से राजधानी पहुंचीं। सुबह 10 बजे के आसपास इनकी रफ्तार काफी कम हो गई। इसकी वजह से प्रदूषण में इजाफा हुआ। हवा सुस्त होते ही स्थानीय प्रदूषण को हवा में बने रहने की जगह मिली और हवाएं उन्हें बहा नहीं सकीं।
पूर्वानुमान गलत होने पर सवाल
इस बार ग्रैप में जो अलग है, वह यह कि इसे पूर्वानुमान के आधार पर प्रदूषण बढ़ने से तीन दिन पहले लागू किया जाना है। लेकिन पहले ही बिना पूर्वानुमान के प्रदूषण खराब स्थिति में पहुंच गया। एक्सपर्ट के अनुसार, प्रदूषण के पूर्वानुमान में मौसम का अहम रोल है। पहले 4 और फिर 5 अक्टूबर को बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया था। लेकिन राजधानी में न 4 अक्टूबर को बारिश हुई और न 5 अक्टूबर को रात 8 बजे तक। इसलिए मौसम के सही पूर्वानुमान की तरफ कदम उठाने होंगे।
बुधवार को एक्यूआई
दिल्ली – 211
फरीदाबाद – 196
गाजियाबाद – 248
ग्रेटर नोएडा – 234
गुरुग्राम – 238
नोएडा – 215
पानीपत – 221