Delhi News: दिल्ली में फिर से चीनी मांझा का खतरा, दोपहिया वाहन चलाने वालों के लिए बढ़ गया खतरा

Delhi News Updates: चाइनीज मांझा नायलॉन और एक मैटेलिक पाउडर से मिलकर बनता है। नायलॉन पर कांच या लोहे के चूरे से धार भी लगाई जाती है, जिससे ये ज्यादा खतरनाक हो जाता है। प्लास्टिक जैसा दिखता है और स्ट्रेचेबल होता है।

 
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नई दिल्ली: अगर आप टू-वीलर चलाते हैं तो इनदिनों सड़क पर अलर्ट रहें। पतंगें आसमान में उड़ने लगी हैं, जिनका 15 अगस्त तक खूब जोर रहता है। इसकी डोर अगर आपकी गर्दन तक पहुंच गई तो जान खतरे में आ सकती है। हम बात कर रहे हैं जानलेवा और प्रतिबंधित चाइनीज मांझे की। न्यू उस्मानपुर में पुश्ता पर गुरुवार शाम को ग्रेटर नोएडा निवासी अनवार इस मांझे से घायल हो गए और गर्दन पर छह से ज्यादा टांके लगे। गनीमत रही कि मांझा गले में फंसा तो उन्होंने तुरंत ब्रेक लगा दिए। जख्मी हालत में जग प्रवेश चंद्र अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के बाद उन्हें छुट्टी दे गई। अनवार एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं। हादसे के वक्त वह लोनी की डीएलएफ अंकुर विहार कॉलोनी में अपने दोस्त से मिलकर लौट रहे थे।

जानलेवा है चाइनीज मांझा

चाइनीज मांझा नायलॉन और एक मैटेलिक पाउडर से मिलकर बनता है। नायलॉन पर कांच या लोहे के चूरे से धार भी लगाई जाती है, जिससे ये ज्यादा खतरनाक हो जाता है। प्लास्टिक जैसा दिखता है और स्ट्रेचेबल होता है। इसे खींचते हैं तो टूटने के बजाय बढ़ जाता है। इसे काटना मुश्किल होता है। ये इलेक्ट्रिक कंडक्टर भी होता है, जिससे करंट का खतरा रहता है। टू-वीलर सवार इसके ज्यादा शिकार बनते हैं और अक्सर यह गर्दन को को घायल करता है। अब ये मांझा भारत में भी बनने लगा है।

एनजीटी ने लगाई थी रोक

नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने जुलाई 2017 में जानलेवा मांझे की बिक्री पर देश भर में प्रतिबंध लगा दिया था। पीपल्स फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल (पेटा) की अर्जी पर ये आदेश दिया गया था। ऑर्डर में कहा गया था कि पतंग उड़ाना देश की परंपरा रही है, लेकिन खतरनाक मांझे से पशु-पक्षी और लोग बुरी तरह जख्मी हो जाते हैं। बढ़ते हादसों के मद्देनजर दखल की जरूरत पड़ी। मांझा बनाने वाली कंपनियां सुप्रीम कोर्ट गईं, जहां से उन्हें राहत नहीं मिली।

5 साल की सजा, 1 लाख फाइन
दिल्ली सरकार ने एनजीटी का आदेश आने के बाद 2017 में नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके मुताबिक, चाइनीज मांझे की खरीद-फरोख्त करने, इसे रखने और इस्तेमाल करने पर अधिकतम पांच साल की सजा या 1 लाख रुपये जुर्माना किया जाएगा। दोनों भी हो सकते हैं। पतंग उड़ाने के लिए सिर्फ सूती धागे के इस्तेमाल की इजाजत है।

उड़ाने वाले तक पहुंचना मुश्किल
दिल्ली पुलिस की तरफ से हर साल मांझे को लेकर नोटिफिकेशन जारी होते हैं। छापेमारी भी की जाती है। पतंग कटने के बाद हवा में उड़ता मांझा हादसे का सबब बनता है। पतंग कहां से कटकर आई है? कौन उड़ा रहा था? इसका पता लगाना पुलिस के लिए कड़ी चुनौती रहती है। पुलिस पतंग उड़ाने वाले तक नहीं पहुंच पाती है।


लोगों को करेंगे जागरुक

डीसीपी नॉर्थ ईस्ट संजय कुमार सैन ने बताया कि चाइनीज मांझा बेचने और इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जनता के बीच भी जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, ताकि वो प्रतिबंधित मांझे का इस्तेमाल ना करें। अगर कोई बेच रहा है तो पुलिस को सूचना दें। टू-वीलर सवारों को मेन रोड पर अलर्ट होकर चलने की सलाह दी जाती है।

जब जान से धोना पड़ा हाथ

-14 अगस्त 2021 को नजफगढ़ निवासी सौरभ दहिया मंगोलपुरी फ्लाईओवर से उतर रहे थे। तभी चाइनीज मांझा गले में फंसा, जिससे उनकी मौत हो गई।

– 25 अगस्त 2019 को सोनिया विहार की इशिका (5) पिता के साथ बाइक के आगे बैठी थी। खजूरी खास में मांझा बच्ची के गले में अटका, जिससे पूरा गला कट गया और उसकी जान चली गई।

-15 अगस्त 2019 को पश्चिम विहार निवासी सिविल इंजीनियर मानव शर्मा (28) बहन के घर से बाइक पर लौट रहे थे। हरि नगर के पास गर्दन में मांझा लिपटा और मौके पर ही दम तोड़ दिया।

-12 जुलाई 2019 को बदरपुर फ्लाईओवर पर दीप्ति (3) चाचा के साथ बाइक पर थी। मांझा चाचा की गर्दन में फंसा तो बैलेंस बिगड़ा और बाइक फ्लाईओवर से नीचे गिर गई। दीप्ति की अस्पताल में मौत हुई।

पिछले साल ये हुए घायल

– विजय शर्मा (46) की भौहें, पलकें और नाक 5 जून 2021 को नंद नगरी में बुरी तरह जख्मी हो गई थी। चेहरे पर 23 टांके आए थे।

– राधेश्याम (34) की नत्थू कॉलोनी फ्लाईओवर पर 5 जून 2021 को गर्दन कटी थी। गनीमत रही कि सही समय पर बाइक रोक ली थी।

– गीतांजलि (33) स्कूटर से जून 2021 को दिलशाद गार्डन की तरफ आ रहीं थीं। वेलकम फ्लाईओवर से उतरते वक्त मांझा गर्दन चीरता चला गया।

– ब्रह्मपुरी के वहीद (38) की गर्दन पर 13 जून को शास्त्री पार्क फ्लाईओवर पर मांझा उलझा। हटाने के लिए हाथ आगे बढ़ाया तो वो भी कट गया।

– पंकज गुप्ता 12 जुलाई 2021 को नंद नगरी इलाके से गुजर रहे थे, जिनकी गर्दन पर मांझा लिपटा। हाथ आगे किया, अंगूठा भी कट गया। छह टांके लगे।

– गाजियाबाद के विजय नगर निवासी निशा (24) स्कूटर से सीलमपुर फ्लाईओवर से नीचे उतर रही थी। मांझे से गर्दन कटी तो ऑपरेशन कराना पड़ा।