Delhi News: दिल्ली MCD चुनाव में 100 साल से ऊपर 213 वोटर्स, NOTA का भी मिलेगा विकल्प

दिल्ली में इस साल के आखिर यानी दिसंबर में एमसीडी चुनाव होने वाले हैं। तारीखों के ऐलान के साथ सत्ता के संग्राम का बिगुल बज चुका है। इस बार रोचक बात यह है कि इस चुनाव में 1.46 करोड़ से अधिक वोटर्स में 213 वोटर्स ऐसे होंगे जिनकी उम्र 100 या इससे अधिक होगी।

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एमसीडी चुनाव 2022
नई दिल्ली: एमसीडी में सत्ता के संग्राम का बिगुल बज चुका है। 1.46 करोड़ से अधिक वोटरर्स चुनाव में दांव अजमाने वालों की किस्मत तय करेंगे। इसमें 30 से 39 साल के मतदाताओं का वोट अहम होगा। क्योंकि जिस वोटर लिस्ट के आधार पर एमसीडी चुनाव होगा, उसमें इनकी संख्या ही सबसे अधकि है। हालांकि बुजुर्गों और युवाओं का वोट भी कम अहम नहीं है। 100 साल या इससे अधिक उम्र के बुजुर्ग वोटरों की संख्या 213 है। फर्स्ट टाइम वोटर्स जिनकी उम्र 18-19 साल है, उनकी संख्या भी 2 लाख से अधिक है।

100 साल या उससे अधिक 213 वोटर्स
राज्य चुनाव आयोग के अफसरों के अनुसार दिल्ली निर्वाचन आयोग ने इस साल जनवरी में जो फाइनल वोटर लिस्ट जारी की थी, उसी वोटर लिस्ट को आधार मानकर चुनाव कराया जा रहा है। इसमें कुल वोटरों की संख्या करीब 1,46,73,847 है। जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 79,86,705 और महिला मतदाताओं की संख्या 66,86,081 है। सबसे अधिक 30 से 39 साल के वोटर्स हैं। कुल वोटरों की तुलना में इस उम्र के वोटरों की संख्या करीब 30 प्रतिशत है। 40 से 49 साल के वोटरों की संख्या का वोटर लिस्ट में दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। ऐसे में इन दोनों उम्र वर्ग के वोटरों का झुकाव जिन दलों की ओर होगा, उन दलों की जीत लगभग तय है। इसका अर्थ यह नहीं है कि अन्य उम्र वर्ग के वोटरों की अहमियत कम है। हरेक वोट की अहमियत है। वोटर लिस्ट में सबसे कम संख्या में 100 या इससे अधिक उम्र के बुजुर्ग वोटर्स ही हैं। इनकी संख्या करीब 213 है। फर्स्ट टाइम वोटर्स जिनकी उम्र 18-19 साल है, ऐसे वोटरों की संख्या 2,09,436 है।

किस उम्र के कितने वोटर

एमसीडी चुनाव में नोटा का भी मिलेगा विकल्प
जिस तरह से 2017 के एमसीडी चुनाव में मतदाताओं को अपनी पसंद और नापसंद जाहिर करने के लिए नोटा का विकल्प राज्य चुनाव आयोग ने दिया था, उसी तरह से ही आगामी एमसीडी चुनाव में भी वोटरों को यह विकल्प उपलब्ध होगा। कुछ राज्यों के स्थानीय निकायों में मतदाताओं को यह अधिकार नहीं दिया जाता। लेकिन दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने मतदाताओं को इस अधिकार से वंचित नहीं रखा है। पिछली बार एमसीडी चुनाव में नोटा वोट का प्रतिशत करीब 0.69 प्रतिशत रहा।

राज्य चुनाव आयोग के अफसरों के अनुसार, अगामी एमसीडी चुनाव में भी मतदाताओं को नोटा वोटिंग का विकल्प उपलब्ध कराया गया है। नोटा नियम में कोई बदलाव नहीं है। यानी अगर किसी वॉर्ड में नोटा वोट प्रत्याशियों के वोट से अधिक है, तो वहां चुनाव रद्द कर दोबारा वोटिंग होगी। साल 2017 के एमसीडी चुनाव में पहली बार राज्य चुनाव आयोग ने नोटा शामिल किया था। तब, नोटा वोट 49,000 पड़े थे। सबसे अधिक नोटा वोट नॉर्थ एमसीडी इलाके के 6 जोन में वोटरों ने दिया था। नॉर्थ एमसीडी इलाके के वॉर्डों में तब नोटा वोटिंग 19,762, साउथ एमसीडी के वॉर्डों में नोटा वोटिंग 19,190 और ईस्ट एमसीडी के वॉर्डों में 10,283 नोटा वोटिंग हुई थी। पिछले चुनाव में मतदान 54 प्रतिशत था, जिसका 0.69 प्रतिशत नोटा वोट था।

इस बार भी नोटा वोटिंग का विकल्प वोटरों को मिलेगा। आयोग के अफसरों का कहना है कि वोटर्स को यह अधिकार है कि वे किसी वोट दें या किसी न दें। उनके इस अधिकार से उन्हें वंचित नहीं रखा जा सकता। इसलिए यह फैसला किया गया है कि अगामी एमसीडी चुनाव में वोटरों को नोटा विकल्प भी दिया जाए। इसके बारे में अधिसूचना में पूरी डिटेल गाइडलाइंस भी होगी।