दिल्ली में बिजली सब्सिडी का हेल्पलाइन नंबर जबलपुर के पायलट के लिए सिरदर्द बना.
जबलपुर. आम जनता की सहूलियत के लिए जारी किए जाने वाले हेल्पलाइन नंबर क्या कभी किसी की परेशानी बढ़ा सकते हैं! बेशक, आज तक आपने ऐसा कोई मामला नहीं सुना होगा. लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा बिजली सब्सिडी को लेकर जारी किया गया एक हेल्पलाइन नंबर मध्य प्रदेश के शहर जबलपुर के एक युवा पायलट के लिए सिरदर्द बन गया है. आलम ये है कि जो फोन कॉल दिल्ली सरकार के हेल्पलाइन नंबर में आने थे, वे नंबर और मिस्ड कॉल शहर के युवा पायलट के पर्सनल नंबर पर आ रहे हैं.
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अगर आप दिल्ली के रहवासी हैं तो बिजली सब्सिडी को लेकर दिल्ली सरकार द्वारा जारी किए गए नए दिशा निर्देशों का आपको पालन करना होगा. 1 अक्टूबर से अगर आपको सब्सिडी लेनी है तो बकायदा उसके लिए आपको या तो फिजिकल फॉर्म भरना होगा या सरकार द्वारा जारी किया गया एक नंबर आपको लगाना होगा या उस पर मिस कॉल करना होगा. सीएम अरविंद केजरीवाल का यह संदेश बेशक दिल्ली के उन तमाम परिवारों के लिए है जो या तो सब्सिडी जारी रखना चाहते हैं या बिजली सब्सिडी को छोड़ना चाहते हैं.
जनहित से जुड़े इस महत्वपूर्ण मामले में करोड़ों दिल्लीवासियों को लाभ लेना है. लेकिन दिल्ली सरकार की इस योजना ने जबलपुर शहर में एक युवा पायलट की रात की नींद और दिन का चैन ही हराम कर रखा है. आलम यह है कि उसके फोन पर दिन-रात कॉल और मिस्ड कॉल आ रहे हैं. उसकी मूल वजह है हेल्पलाइन नंबर और फहीम के नंबर का करीब-करीब समान होना. दरअसल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिजली सब्सिडी के लिए जो हेल्पलाइन नंबर जारी किया है वह है- 7011311111, जबकि जबलपुर के युवा पायलट मोहम्मद फहीम खान का फोन नम्बर 7031111111 है.
अगर इन दोनों मोबाइल नंबरों को आप ध्यान से पढ़ें तो आपको भी भ्रम हो सकता है. चूंकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक वीडियो मैसेज वायरल किया है, यही वजह है कि कुछ लोग हूबहू मिलते-जुलते इस नंबर पर कॉल कर रहे हैं. इस समस्या में न तो दिल्ली सरकार की कोई गलती है और न ही युवा पायलट मोहम्मद फहीम की. लेकिन एक नंबर के फेर के चलते गलतफहमी का शिकार हो रहे सैकड़ों लोग रोजाना फहीम को बिजली सब्सिडी हेल्पलाइन नंबर के नाम से दिन-रात कॉल कर रहे हैं. पूरे मामले को लेकर युवा पायलट ने दिल्ली सरकार से भी संपर्क साधा है. उन्होंने ट्वीट के साथ-साथ एक मेल भी दिल्ली सरकार को भेजा है. जिस पर बकायदा दिल्ली सरकार ने जवाब भी दिया है. लेकिन फिलहाल परेशानी जस की तस बरकरार है.