दिल्ली में फिलहाल ग्रैप-3 के तहत पाबंदियां लागू हैं। प्रदूषण गंभीर स्थिति में पहुंच गया है। स्कूलों को भी बंद करने की मांग होने लगी है। इस बीच, पाबंदी लगने के कारण घर बैठने को मजबूर हुए निर्माण कार्यों में लगे श्रमिकों के लिए सीएम केजरीवाल ने बड़ा ऐलान किया है।
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण बढ़ता गया तो कई तरह की पाबंदियां लगानी पड़ीं। ग्रैप-3 के तहत निर्माण कार्य बंद हुए तो सबसे बड़ी मुसीबत श्रमिकों के लिए पैदा हो गई। ये दिहाड़ी मजदूर रोज काम करते हैं तब जाकर उनका गुजर बसर होता है। ऐसे में दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार उन्हें 5000 रुपये की आर्थिक मदद देने जा रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज ट्वीट कर बताया, ‘प्रदूषण के चलते निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध के कारण मैंने श्रम मंत्री मनीष सिसोदिया को निर्देश दिया है कि निर्माण गतिविधियां बंद रहने की अवधि में श्रमिकों को 5,000 रुपये की सहायता प्रदान की जाए।’
दिल्ली में इस समय GRAP का तीसरा चरण लागू है। इसके तहत ज्यादा जरूरी न होने वाले सभी निर्माण कार्य रोक दिए गए हैं। ऐसे में यहां काम करने वाले श्रमिक घर बैठ गए हैं। उन्हें खाने-पीने की दिक्कत न हो इसलिए केजरीवाल सरकार ने वित्तीय मदद देकर राहत पहुंचाने की कोशिश की है। एक बात और स्पष्ट है कि केजरीवाल सरकार की ओर से दी जा रही 5000 रुपये की मदद पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को ही मिलेगी।
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंचता देख पिछले शनिवार को केंद्र सरकार के एयर क्वालिटी पैनल ने GRAP III लागू करने के निर्देश दिए थे। इससे जरूरी प्रोजेक्टों को छोड़कर दिल्ली-एनसीआर में सभी निर्माण और तोड़फोड़ संबंधी गतिविधियों पर बैन लग गए। दिल्ली की AAP सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान भी दिल्ली के पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को वित्तीय मदद दी थी। ग्रैप-3 के तहत लगी पाबंदियों में रेलवे, मेट्रो, एयरपोर्ट, आईएसबीटी, राष्ट्रीय सुरक्षा, डिफेंस, राष्ट्रीय महत्व के प्रोजक्ट शामिल नहीं हैं। वहीं, ऐसे कार्य जो प्रदूषण नहीं फैलाते जैसे प्लंबिंग, इंटीरियर डेकोरेशन, इलेक्ट्रिकल और कारपेंटर आदि को भी छूट दी गई है। ईंट भट्ठे, हॉट मिक्स प्लांट, स्टोन क्रशर नहीं चलेंगे। इसमें उन्हें छूट रहेगी जो पीएनजी या बायोमास फ्यूल से चल रहे हैं।
उधर, आज दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने अपील की है कि गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए लोग घर से काम करें और बाहर जाएं तो गाड़ी साझा करें। दिल्ली में वायु गुणवत्ता मंगलवार को और खराब हो गई थी। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया। जी हां, दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक मंगलवार शाम चार बजे 424 दर्ज किया गया जो 26 दिसंबर, 2021 (459) के बाद सबसे खराब है।