फर्राटेदार सफर के लिए दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे तैयार, 120 किमी घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी कार

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के दावे के अनुसार छोटा-मोटा काम बाकी है। फिनिशिंग कराई जा रही है। नवंबर में इस सेक्शन पर वाहन दौड़ा दिए जाएंगे। यानी दिल्ली और गुरुग्राम से जयपुर, बांदीकुई और दौसा जाना अब आसान हो जाएगा।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे

सपनों की सड़क का इंतजार खत्म होने जा रहा है। इसी महीने देश के सबसे लंबे दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस वे पर आरामदायक और फर्राटेदार सफर का सपना साकार होने जा रहा है। फिलहाल दिल्ली से दौसा (राजस्थान) के हिस्से का निर्माण अंतिम चरण में हैं।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के दावे के अनुसार छोटा-मोटा काम बाकी है। फिनिशिंग कराई जा रही है। नवंबर में इस सेक्शन पर वाहन दौड़ा दिए जाएंगे। यानी दिल्ली और गुरुग्राम से जयपुर, बांदीकुई और दौसा जाना अब आसान हो जाएगा। जयपुर तक साढ़े चार घंटे की बजाय ढाई घंटे में पहुंचा जा सकेगा। इस पर कार की रफ्तार 120 किमी प्रतिघंटा तय की गई है।

गुरुग्राम के राजीव चौक से जयपुर की दूरी 240 किलोमीटर है जबकि दिल्ली के धौला कुआं से यह दूरी 270 किलोमीटर है। धौला कुआं से जयपुर तक तीन घंटे में पहुंच सकेंगे। दिल्ली से जयपुर तक का सफर करने के लिए अभी तक लोग दिल्ली-जयपुर हाईवे और दिल्ली-सोहना-नूंह-अलवर के रास्ते का प्रयोग करते थे। इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने के साथ ही दिल्ली-जयपुर के बीच सफर करने वाले वाहन चालकों को सड़क मार्ग का तीसरा और सबसे बेहतरीन विकल्प उपलब्ध हो जाएगा।

एनएच-21 के जरिए पहुंचेगे जयपुर : दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की जयपुर से सीधी कनेक्टिंग नहीं है। यह एक्सप्रपे वे दौसा से होकर गुजरता है, जहां से जयपुर की दूरी 60 किमी है। दौसा और जयपुर के बीच एनएच-21 है, जो दौसा से जयपुर जाने में मददगार होगा। दिल्ली और गुरुग्राम से जयपुर जाने वाले लोगों को दौसा में एक्सप्रेसवे से नीचे उतरना होगा और वहां से उन्हें गुलाबी शहर तक पहुंचने के लिए 4 लेन हाइवे का सफर करना होगा। आने वाले दिनों में इस रोड पर बढ़ते यातायात के दबाव को ध्यान में रखते हुए बांदीकुई से जयपुर तक नए ग्रीनफील्ड 6-लेन हाइवे बनाया जा रहा है। 65 किमी लंबा हाईवे, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को जयपुर रिंग रोड से जोड़ेगा।

इकनॉमिक हब की होगी कनेक्टिविटी

देश की राजधानी दिल्ली से आर्थिक राजधानी मुंबई तक इस एक्सप्रेस वे पर कई ऐसे शहर हैं जिन्हें देश का इकोनॉमिक हब कहा जाता है। यह ग्रीन कॉरिडोर इस पूरे हब को कनेक्ट करेगा। दिल्ली-एनसीआर के शहरों, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम से इस एक्सप्रेस वे की केएमपी-केजीपी और सोहना-गुरुग्राम हाईवे के जरिए कनेक्टिविटी होगी। गुरुग्राम से मेवात के रास्ते यह राजस्थान से जुड़ेगा। यहां से जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, सूरत, भुरूच, वडोदरा और मुंबई जैसे शहर सीधे कनेक्ट होंगे।

तीन बार बदली तय समय सीमा
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 9 मार्च 2019 को इस एक्सप्रेस वे की आधारशीला रखी थी। उसके विभिन्न कारणों से तीन बार इसकी तय समय सीमा में बदलाव किया गया है। पहले इसका निर्माण नवंबर 2021 में पूरा होना था, लेकिन कोविड -19 ने रोक दिया। फिर मार्च 2022 इसकी समय सीमा तय की गई, बाद में इसे अप्रैल कर दिया गया गया। पूरे हाईवे की डेडलाइन अब जून 2024 तय की गई है। फिलहाल इसके गुरुग्राम-दौसा सेक्शन का निर्माण पूरा होने का दावा किया जा रहा है।