राजनीतिक फायदे के लिए गलत तरीके से किया गया था डीलिमिटेशन- सिम्मी नंदा

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में नगर निगम शिमला के वार्डों के डीलिमिटेशन की याचिका स्वीकार हो गई है. हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने उपायुक्त शिमला को वार्ड नंबर 5 और वार्ड नंबर 11 की डीलिमिटेशन में याचिकाकर्ताओं की आपत्तियों को दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं. मामले पर वार्ड नंबर 11 की पार्षद और याचिकाकर्ता सिम्मी नंदा ने कहा कि सरकार की ओर से राजनीतिक फायदे के लिए डीलिमिटेशन किया गया था. सरकार ने अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल करते हुए प्रक्रिया अपनाई. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय की ओर से आपत्तियों को दर्ज करवाने के निर्देश जारी किए हैं. वह अपनी आपत्तियां शिमला के उपायुक्त के पास दर्ज करवाएंगे और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में दी गई आपत्तियों को उपायुक्त से दुरुस्त करवाएंगे. उन्होंने कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए सरकार की ओर से जल्दबाजी में यह निर्णय लिया गया. इसकी वजह से इलाके के लोगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था. ऐसे में उन्होंने लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए याचिका डाली. साथ ही पार्षद ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कोर्ट का धन्यवाद भी किया है