हिमाचल प्रदेश में भी सरकारी नौकरियों से आरक्षण खत्म करने की मांग उठने लगी है। आरक्षण खत्म करने के लिए भी कई संस्थाओं के द्वारा अब विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। ताकि हिमाचल प्रदेश में समान रूप से सभी वर्गों को नौकरियां मिल सके। इसी कड़ी में आज जिला मुख्यालय सोलन में देवभूमि क्षत्रिय संगठन के द्वारा आरक्षण को खत्म करने के लिए एक रैली का आयोजन किया गया।
देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रुमित सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में आज एक ज्ञापन डीसी सोलन के माध्यम से प्रदेश सरकार व राज्यपाल को भी ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में विशेष रूप से मांग रखी गई है कि हिमाचल प्रदेश में जो भी सरकारी नौकरियां हैं उनमें आरक्षण को खत्म किया जाए। रुमित सिंह ठाकुर ने बताया कि इन दिनों पुलिस की भर्ती में जो आरक्षण का कोटा बढ़ाया गया है। उसे भी कम किया जाए। ताकि सभी वर्गों के युवाओं को समान रूप से नौकरियां मिल सके।
देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रुमित सिंह ठाकुर ने कहा कि बीते कुछ सालों से आरक्षण को जिस प्रकार से सरकारी संस्थाओं में पढ़ाया जा रहा है। उसकी वजह से स्वर्ण परिवार के योग्य युवाओं के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है। आरक्षण के कारण स्वर्ण परिवार के युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है और युवा डिप्रेशन का शिकार होकर आत्महत्या कर रहा है। उन्होंने कहा कि स्वर्ण आयोग के गठन को लेकर वे कई बार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी मिल चुके हैं लेकिन 8 महीनों से जयराम सरकार इस मामले को लेकर सिर्फ विचार ही कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2022 में होने वाले चुनाव के मद्देनजर अब पूरे प्रदेश के हर जिले में स्वर्ण आयोग के लोग अपनी मांगों को लेकर आगे आने लगे है उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि या तो वह अपनी कुर्सी संभाल ले या फिर अपनी खिसकती जमीन को। उन्होंने कहा कि यदि सरकार इस पर कोई निर्णय नहीं लेती है तो प्रदेश में एक ऐसा माहौल होगा जहां पर कोई भी भर्ती या नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ अपने अधिकारों की बात कर रहे हैं ना की किसी के अधिकारों को छीनने की इसलिए सरकार को इस पर विचार करने की जरूरत है।