हिमाचल किसान सभा ने शिमला में विरोध प्रदर्शन किया और डीसी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा। देशव्यापी संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर केंद्र सरकार द्वारा किसान आंदोलन से विश्वासघात करके श्रोष दिवस मनाया गया। शिमला में किसान सभा के राज्याध्यक्ष डा. कुलदीप सिंह तंवर एवं जिलाध्यक्ष सत्यवान पुंडीर की अगुवाई में कसुम्पटी कमेटी ने प्रदर्शन करते हुए उपायुक्त के माध्यम से ज्ञापन दिया।
डाण्तंवर ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने कृषि कानूनों को किसानों की छह शर्तों को मानते हुए वापस लिया थाए लेकिन आज तीन महीने पूरा होने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कमेटी बनी,न किसानों पर बनाए झूठे केस वापस हुएए न शहीद किसानों के परिजनों को मुआवजा मिलाए न ही लखीमपुर खीरी मे किसानों को रौंदने वे मंत्री के बेटे की जमानत रद्द करवाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में अपील हुई। किसानों का आंदोलन अभी दिल्ली बोर्डर से केवल हटा है खत्म नहीं हुआ, यदि सरकार नहीं जागी तो इस लड़ाई को किसान अब आर-पार के रूप में लडऩे की तैयारी कर रहे हैं