आईजीएमसी में शव  को लेकर परिजनों का रोष प्रदर्शन 

शिमला।
उपमंडल ठियोग में 3 महीने बाद मिले शव को लेकर जहाँ परिजन हत्या का आरोप लगा रहे है वही अब परिजनों ने शव को लेकर आईजीएमसी पोस्टमार्टम के बाहर धरना दे दिया है परिजनों का कहना है कि जब तक कातिलों को पकड़ा नहीं जाता है तब तक वह शव  को नहीं ले जाएंगे।  दीपक भगत राम की बेटी मनीषा ने कहा कि बीते कल आईजीएमसी में  पोस्टमार्टम हुआ था कल से ही मांग कर रहे हैं कि भी उन्हें न्याय दिलाया जाए लेकिन प्रशासन का कोई भी मोबाइल लाइन से मिलने नहीं आया है उनका कहना था कि कल सुबह से वह  भूखे प्यासे शव  को लेकर बैठे हैं लेकिन कोई भी इनकी सुध नहीं ले रहा है मनीषा ने कहा कि जब तक उनके पिता के कातिलों को नहीं पकड़ा जाता है तब तक वह धरना जारी रखेंगे और उसके बाद ही शव को आईजीएमसी से ले जाएंगे

गौरतलब है कि  उपमंडल ठियोग में 90 दिनों बाद एक ब्यक्ति का शव   संदिग्ध परिस्थितियों में मिलने से सनसनी फैल गई है मृतक के परिजन हत्या का आरोप लगा रहे हैं जानकारी के अनुसार पेशे से किसान भगत राम 21 नवंबर को अपने घर से गाड़ी की किस्त जमा कराने गया था लेकिन उसके बाद वह घर पर वापस नहीं लौटा इस पर बेटी  निशा ने सोचा कि अपने दोस्तों के साथ कहीं गए होंगे और वापस आ जाएंगे लेकिन दो दिन बाद जब वापस नहीं आए तो मामले की सूचना ठियोग पुलिस थाना में दी  लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की। 3 महीने तक पुलिस द्वारा जांच के बाद भी जब कोई परिणाम सामने नहीं आया तो 15 दिन पहले फरवरी में परिवार डीजीपी संजय कुंडू से मिला और मामले की जांच सीआईडी से करवाने को कहा इस पर संजय कुंडू ने एक कमेटी गठित की जिसमें सीआईडी ने28 तारीख को सब को ढूंढ निकाला शव लफूघाटी में एक झाड़ी में पड़ा हुआ था मृतक भगतराम के दोनों हाथ कटे हुए थे इस पर जब परिजनों ने देखा तो हैरान रह गए मंगलवार को आईजीएमसी में पोस्टमार्टम करवाने आए परिजनों ने कहा कि भगत राम की हत्या की गई है बेटी निशा ने बताया कि उनके पिता की हत्या की गई है क्योंकि कि पहले भी लड़ाई हो चुकी थी और उन्हें मारने की धमकी दी गई थी बेटी निशा ने बताया कि नंबर में जगह गए थे तब उनके साथ ही चार पांच लोग थे लेकिन जैसे हालत में कल उन्हें शव मिला इससे प्रतीत होता है कि उनके पिता की हत्या की गई है निशांत पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है कहां है कि पुलिस उन्हें तीन महीने तक गुमराह करते रहे निशा ने कहा कि उनके पिता के हत्यारों को फांसी की सजा होनी चाहिए वहीं मृतक भगतराम की भाभी सीमा ने बताया कि भगतराम बहुत ईमानदार और अच्छा आदमी था उनकी कई दुश्मन फिल्म वारदात वाले दिन भी उसके साथ चार पांच लोग थे जिन्होंने  भगत राम को मार कर झाड़ियों में फेंक दिया सीमा ने कहा कि मामले में पुलिस ने उन्हें गुमराह किया है सीमा ने कहा कि पुलिस जब भी थाने बुलाती थी तो उनकी बेटी को अकेले आने को कहती थी और उन्हें गुमराह करती रही