राशनकार्ड और आधार कार्ड में उपभोक्ताओं के नाम और ग्राम का मिलान करने के लिए केवाईसी करवाई जा रही है। इससे यह भी पता चलेगा कि आधार कार्ड में जिन लोगों के नाम हैं, उनका नाम राशनकार्ड में भी अंकित किया गया है या नहीं।
हिमाचल प्रदेश में उचित मूल्य की दुकानों (डिपो) में सस्ता राशन लेने के लिए उपभोक्ताओं को केवाईसी करवाना अनिवार्य होगा। इसके लिए लोगों को डिपो धारक के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डिपो धारक खुद घर आकर उपभोक्ताओं की केवाईसी करेंगे। इसके लिए खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग डिपो धारकों को प्रति केवाईसी पर चार रुपये देगा। राशनकार्ड और आधार कार्ड में उपभोक्ताओं के नाम और ग्राम का मिलान करने के लिए केवाईसी करवाई जा रही है। इससे यह भी पता चलेगा कि आधार कार्ड में जिन लोगों के नाम हैं, उनका नाम राशनकार्ड में भी अंकित किया गया है या नहीं। कई राशनकार्डों में ऐसे लोगों के नाम भी हैं, जिनकी मृत्यु हो गई है
राशन की कालाबाजारी रोकने के लिए भी यह व्यवस्था की गई है। अगर राशनकार्ड में किसी व्यक्ति का नाम गलत छपा है तो उसे भी ठीक कराया जा सकेगा। हिमाचल में 70 लाख लोगों की केवाईसी होनी है। अभी तक प्रदेश में 22 लाख के करीब लोगों की वेरिफिकेशन की जा चुकी है। इस बीच यह मामला कोर्ट में भी गया, लेकिन हाईकोर्ट ने खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग के पक्ष में फैसला सुनाया है। अब विभाग की ओर से उपभोक्ताओं की केवाईसी शुरू कर दी गई है। खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजिंद्र गर्ग ने बताया कि हिमाचल राशनकार्ड उपभोक्ताओं की केवाईसी शुरू कर दी है। डिपो होल्डर उपभोक्ताओं की केवाईसी करेंगे।
क्या है केवाईसी
केवाईसी वह प्रक्रिया है, जिसके तहत फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन अपने उपभोक्ताओं का आइडेंटिफिकेशन और पते को वेरिफाई करता है।