डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की हो सकती है गिरफ्तारी? सीबीआई को हार्ड डिस्क से मिले अहम सबूत

नई दिल्ली. इस खबर से बिहार का राजनीतिक पारा सातवें आसमान पर पहुंच सकता है. सीएनन न्यूज 18 को सीबीआई के विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की गिरफ्तारी हो सकती है. सीबीआई को इस संबंध में अहम सबूत हाथ लगे हैं. यह अहम सबूत है एक हार्ड डिस्क. इस हार्ड डिस्क में नौकरी के बदले जमीन देने वाले लोगों की सूची है. इस सूची में 1458 लोगों के नाम हैं जिन्होंने कथित तौर पर रेलवे में अपनी नौकरी के बदले यादव परिवार को जमीन दी थी. सूत्रों के मुताबिक यह सूची लालू प्रसाद के बेटे और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने तैयार की थी जिसे पिछले महीने छापे के दौरान सीबीआई ने बरामद किया था.

दरअसल, यह मामला यूपीए-1 सरकार में लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री के कार्यकाल के दौरान का है. आरोप है कि लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहने के दौरान कई लोगों को रेलवे में नौकरी दी गई और बदले में लालू प्रसाद के परिवार को जमीन मिली. सूत्रों ने बताया कि दोस्तों और परिवार के नाम पर जमीन लेने के बाद जमीन की चकबंदी भी की गई. इन 1,458 मामलों में से लगभग 16 मामले पहले ही सत्यापित हो चुके हैं और सीबीआई जांच में भी इसे सही पाया गया है. उम्मीद है कि सीबीआई इस मामले में रेलवे मंत्रालय को उन उम्मीदवारों के बारे जानकारी मांगने के लिए पत्र लिखेगी जिन्हें एक गवाह के अनुसार गलत डेटा और प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी दी गई थी.

सूत्रों ने कहा कि सीबीआई इस मामले के अगले चरण की जांच में रेलवे कर्मचारियों द्वारा की गई अनियमितता की जांच करेगी और किसी स्तर पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भी गिरफ्तार किया जा सकता है. क्योंकि उनके खिलाफ सबूत बहुत मजबूत बताए जा रहे हैं. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अनुसार, लालू प्रसाद यादव ने 2004 से 2009 तक रेल मंत्री के कार्यकाल के दौरान रेलवे में नौकरी के बदले में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन की संपत्ति के हस्तांतरण के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त किया. रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप डी पदों पर इन्हें नौकरी दी गई.

सीबीआई ने एफआईआर में आरोप लगाया है कि नौकरी पाने वाले व्यक्तियों ने पटना में लालू प्रसाद के परिवार और परिवार के सदस्यों के नाम पर अपनी जमीन गिफ्ट में दी. इन उपहारों में अचल संपत्तियों का हस्तांतरण भी शामिल था. एफआईआर में कहा गया है कि लालू प्रसाद के परिवार द्वारा पटना में 1,05,292 वर्ग फुट जमीन अधिगृहित की गयी है. दिलचस्प बात यह है कि भूमि हस्तांतरण के ज्यादातर मामलों में विक्रेताओं को भुगतान नकद में दिखाया गया था. मौजूदा सर्किल रेट के मुताबिक गिफ्ट डीड के जरिए हासिल की गई जमीन का मौजूदा मूल्य करीब 4.39 करोड़ रुपये है.