देव आस्था: नौहराधार के बांदल गांव में पांच वर्षों बाद बिजट महाराज का शांद पर्व

मंत्रोच्चारण व बिजट महाराज के जयकारों के साथ शांद पर्व मनाया गया। देवता के गूर ने आवाज देकर अलग-अलग परगने से आए लोगों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दिया।

शांद पर्व में उमड़े लोग।

हाटी संस्कृति व परंपरा की एक अनूठी मिसाल नौहराधार क्षेत्र के बांदल में वीरवार को देखने को मिली। मौका था शांद पर्व का। जहां सैकड़ों लोगों ने इस धार्मिक अनुष्ठान में हिस्सा लिया। इस गांव में पांच वर्षों के बाद बिजट महाराज के मंदिर में शांद पर्व का आयोजन किया गया।

हालांकि गांव में हर तीन वर्षों बाद इस धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन होता था, लेकिन कोरोना महामारी के चलते ये अनुष्ठान पांच साल बाद हो पाया। इस दौरान क्षेत्र की करीब 10 से 12 पंचायतों के सैकड़ों लोगों ने अनुष्ठान में भाग लेकर अपने आराध्य बिजट महाराज का आशीर्वाद लिया।

सुबह 7 बजे से ही आसपास के गांव से लोगों के पहुंचने से बांदल गांव में चहल-पहल शुरू हो गई। पूरा गांव दिनभर बिजट महाराज के जयकारों से गूंजता रहा। मंत्रोच्चारण व बिजट महाराज के जयकारों के साथ शांद पर्व मनाया गया।

पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन पर सैकड़ों लोगों ने बिजट महाराज का गुणगान करते हुए यह रस्म पूरी की। जब देवता के गुर मंदिर की छत पर आए तो पारंपरिक धुन व लिंबर लगाकर उनका स्वागत किया गया। देवता के गूर ने आवाज देकर अलग-अलग परगने से आए लोगों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दिया।