कुल देवी के प्रति अटूट श्रद्धा रखती हैं बॉलीवुड क्वीन
तीखे बयानों और प्रतिक्रिया के लिए सुर्खियों में रहने वाली बॉलीवुड क्वीन कंगना रणौत अपनी कुल देवी के प्रति अटूट श्रद्धा रखती हैं। मुंबई से जब भी कंगना मनाली अपने घर छुट्टियों पर आती हैं, तो पैतृक घर मंडी के भांबला में कुल देवी का आशीर्वाद लेना नहीं भूलतीं। फिल्मों में बोल्ड रोल निभा चुकीं कंगना निजी जीवन में बेहद आस्तिक हैं। सोशल मीडिया अकाउंट पर पूजा और हवन के वीडियो शेयर करती हैं। कंगना कहती हैं कि ईश्वर ही उन्हें अन्याय के खिलाफ खड़े होने की शक्ति देते हैं। कंगना की कुल देवी राजस्थान में हैं। मेवाड़ के खजुराहो कहे जाने वाले जगत कस्बे के अंबिका मंदिर में विराजित देवी अंबिका को कंगना अपनी कुल देवी मानती हैं। कंगना यहां से मां की ज्योति को हिमाचल में अपने पैतृक घर लेकर आईं और माता का मंदिर बनवाया है। उदयपुर के पंडितों ने ही इस मंदिर में कुल देवी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करवाई।
तीखे बयानों और प्रतिक्रिया के लिए सुर्खियों में रहने वाली बॉलीवुड क्वीन कंगना रणौत अपनी कुल देवी के प्रति अटूट श्रद्धा रखती हैं। मुंबई से जब भी कंगना मनाली अपने घर छुट्टियों पर आती हैं, तो पैतृक घर मंडी के भांबला में कुल देवी का आशीर्वाद लेना नहीं भूलतीं। फिल्मों में बोल्ड रोल निभा चुकीं कंगना निजी जीवन में बेहद आस्तिक हैं। सोशल मीडिया अकाउंट पर पूजा और हवन के वीडियो शेयर करती हैं। कंगना कहती हैं कि ईश्वर ही उन्हें अन्याय के खिलाफ खड़े होने की शक्ति देते हैं। कंगना की कुल देवी राजस्थान में हैं। मेवाड़ के खजुराहो कहे जाने वाले जगत कस्बे के अंबिका मंदिर में विराजित देवी अंबिका को कंगना अपनी कुल देवी मानती हैं। कंगना यहां से मां की ज्योति को हिमाचल में अपने पैतृक घर लेकर आईं और माता का मंदिर बनवाया है। उदयपुर के पंडितों ने ही इस मंदिर में कुल देवी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करवाई।
बॉलीवुड क्वीन कंगना रणौत
कंगना को बॉलीवुड में लंबे संघर्ष के बाद कामयाबी हासिल हुई है। गैंगस्टर फिल्म के लिए इन्हें सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेत्री का पुरस्कार मिला। तनु वेड्स मनु, फैशन और क्वीन जैसी फिल्मों में जबरदस्त अदाकारी की। कंगना का जन्म 23 मार्च 1987 को मंडी जिले के सूरजपुर में हुआ। परिवार में उनके अलावा बड़ी बहन रंगोली और छोटा भाई अक्षत है। कंगना की मां आशा रणौत स्कूल टीचर और पिता बिजनेसमैन हैं। कंगना के पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे, लेकिन वह बारहवीं में फेल हो गईं। इसके बाद कंगना दिल्ली आ गईं। यहां आकर उन्होंने अभिनय करने का फैसला लिया। उनके पास न रहने को घर था और न ही पैसे। जैसे-तैसे कंगना मुंबई पहुंचीं और एक्टिंग का कोर्स किया। इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक सफलता की इबारत लिखी।
कंगना को बॉलीवुड में लंबे संघर्ष के बाद कामयाबी हासिल हुई है। गैंगस्टर फिल्म के लिए इन्हें सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेत्री का पुरस्कार मिला। तनु वेड्स मनु, फैशन और क्वीन जैसी फिल्मों में जबरदस्त अदाकारी की। कंगना का जन्म 23 मार्च 1987 को मंडी जिले के सूरजपुर में हुआ। परिवार में उनके अलावा बड़ी बहन रंगोली और छोटा भाई अक्षत है। कंगना की मां आशा रणौत स्कूल टीचर और पिता बिजनेसमैन हैं। कंगना के पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे, लेकिन वह बारहवीं में फेल हो गईं। इसके बाद कंगना दिल्ली आ गईं। यहां आकर उन्होंने अभिनय करने का फैसला लिया। उनके पास न रहने को घर था और न ही पैसे। जैसे-तैसे कंगना मुंबई पहुंचीं और एक्टिंग का कोर्स किया। इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक सफलता की इबारत लिखी।
रुबीना ने आईएएस का सपना छोड़ एक्टिंग चुनी
बिग बॉस सीजन-14 की विजेता बनकर हिमाचल का नाम चमकाने वाली रूबीना दिलैक 2006 में मिस शिमला का खिताब भी जीत चुकी हैं। 2008 में रूबीना ने छोटे पर्दे पर एंट्री की। उन्हें लोकप्रिय टीवी सीरियल छोटी बहु में निभाए राधिका के किरदार से बड़ी पहचान मिली। छोटे पर्दे की मशहूर कलाकार रूबीना का पैतृक गांव शिमला जिले के चौपाल में है। पिता गोपाल दिलैक भाषा एवं संस्कृति विभाग से सेवानिवृत्त हुए हैं। रूबीना की स्कूली और कॉलेज की पढ़ाई शिमला में हई। वह आईएएस बनना चाहती थीं, लेकिन मन में एक्टिंग का जुनून था। चंडीगढ़ में ऑडिशन दिया तो उनको धारावाहिक छोटी बहू में रोल मिला। रूबीना सास बिना ससुराल, पुनर्विवाह, एक नई उम्मीद, देवों के देव महादेव जैसे धारावाहिकों में काम कर चुकी हैं।
बिग बॉस सीजन-14 की विजेता बनकर हिमाचल का नाम चमकाने वाली रूबीना दिलैक 2006 में मिस शिमला का खिताब भी जीत चुकी हैं। 2008 में रूबीना ने छोटे पर्दे पर एंट्री की। उन्हें लोकप्रिय टीवी सीरियल छोटी बहु में निभाए राधिका के किरदार से बड़ी पहचान मिली। छोटे पर्दे की मशहूर कलाकार रूबीना का पैतृक गांव शिमला जिले के चौपाल में है। पिता गोपाल दिलैक भाषा एवं संस्कृति विभाग से सेवानिवृत्त हुए हैं। रूबीना की स्कूली और कॉलेज की पढ़ाई शिमला में हई। वह आईएएस बनना चाहती थीं, लेकिन मन में एक्टिंग का जुनून था। चंडीगढ़ में ऑडिशन दिया तो उनको धारावाहिक छोटी बहू में रोल मिला। रूबीना सास बिना ससुराल, पुनर्विवाह, एक नई उम्मीद, देवों के देव महादेव जैसे धारावाहिकों में काम कर चुकी हैं।
ऑडिशन में पहुंचने के लिए कभी अपने ही घर से चुरा लिए थे पैसे
अनुपम खेर 7 मार्च 1955 को कश्मीरी पंडित परिवार में शिमला में जन्मे। इनके पिता पुष्कर नाथ वन विभाग में क्लर्क थे। अनुपम ने शिमला के फागली और लक्कड़ बाजार स्कूल से शिक्षा हासिल की। इसके बाद संजौली महाविद्यालय में आगे की शिक्षा ग्रहण की। अनुपम खेर को उनके दोस्त बिट्टू कहकर बुलाते थे। कॉलेज के दौरान ही अनुपम का रंगमंच की तरफ रुझान बढ़ा। एक बार तो घर से पैसे चोरी कर ऑडिशन देने के लिए पहुंच गए। इस पर उन्हें बहुत डांट भी पड़ी थी। दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से स्नातक करने के बाद अनुपम ने थियेटर से कॅरिअर की शुरुआत की। साल 1982 में फिल्म आगमन से उन्होंने फिल्मी कॅरिअर शुरू किया। 1984 में फिल्म सारांश में उनके काम को सराहना मिली।
अनुपम खेर 7 मार्च 1955 को कश्मीरी पंडित परिवार में शिमला में जन्मे। इनके पिता पुष्कर नाथ वन विभाग में क्लर्क थे। अनुपम ने शिमला के फागली और लक्कड़ बाजार स्कूल से शिक्षा हासिल की। इसके बाद संजौली महाविद्यालय में आगे की शिक्षा ग्रहण की। अनुपम खेर को उनके दोस्त बिट्टू कहकर बुलाते थे। कॉलेज के दौरान ही अनुपम का रंगमंच की तरफ रुझान बढ़ा। एक बार तो घर से पैसे चोरी कर ऑडिशन देने के लिए पहुंच गए। इस पर उन्हें बहुत डांट भी पड़ी थी। दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से स्नातक करने के बाद अनुपम ने थियेटर से कॅरिअर की शुरुआत की। साल 1982 में फिल्म आगमन से उन्होंने फिल्मी कॅरिअर शुरू किया। 1984 में फिल्म सारांश में उनके काम को सराहना मिली।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनाई अपनी पहचान
भारत ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अनुपम ने अपनी पहचान बनाई है। सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके पद्मश्री अनुपम खेर को आठ बार अलग-अलग श्रेणियों में फिल्म फेयर पुरस्कार मिल चुका है। अनुपम ने मार्च 2017 में शिमला के टुटू स्थित जतोग में अपना घर खरीदा है। इस घर में अनुपम की माता रहती हैं।