अर्की में आज देवभूमि क्षत्रिय संगठन द्वारा एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता संगठन के अध्यक्ष रुमित सिंह ठाकुर ने की, इस मौके पर उन्होंने प्रदेश में हो रहे चारों उपचुनाव का बहिष्कार करने की भी ताल ठोक दी है। इस मौके पर रुमित सिंह ठाकुर ने कहा कि हिमाचल की राजनीति में ठाकुरों का दबदबा रहा है,लेकिन उसके बावजूद भी हिमाचल में स्वर्ण आयोग का गठन नहीं हो सका।
उन्होंने कहा कि सभी नागरिक देश में एक समान होने चाहिए अगर आरक्षण देना चाहते है तो आर्थिक आधार पर आरक्षण होना चाहिए। यही मांग उनका संगठन कर रहा है। लेकिन उनकी मांग पर राजनीतिक दल वोट के चक्कर में चुप्पी साधे हुए हैं। इसलिए संगठन के सदस्यों ने स्वर्ण समाज से आग्रह किया है कि वह अपने बच्चों के भविष्य के लिए इन चुनावों का खुल कर विरोध करें। उन्होंने कहा कि चुनावों से ठीक पहले वह अर्की और मंडी में महा रोष रैली निकालने वाले है जिसमें वह लोगों से आग्रह करेंगे किइस बार मतदान नहीं बल्कि नोटा का उपयोग कर सभी दलों का बहिष्कार करें ।
बता दें कि हिमाचल में जहाँ एक और चुनावी सरगर्मियां शिखर पर है। भाजपा और कांग्रेस उपचुनावों में आमने सामने की लड़ाई लड़ती नज़र आ रही है। भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर भी चरम पर पहुंच चुका है। दोनों ही दल एक दुसरे पर आरोप लगा कर अपने को बेहतर साबित करना चाहते हैं। ताकि वह हिमाचल के मतदाताओं के दिलों में जगह बना कर वोट हासिल कर सकें। लेकिन इस बीच भाजपा और कांग्रेस के लिए देवभूमि क्षेत्रीय संगठन अब चुनौती बन कर उनकी विजय के बीच में विशाल दीवार की तरह खड़ा होता नज़र आ रहा है। हिमाचल में देवभूमि क्षेत्रीय संगठन लम्बे समय से स्वर्ण आयोग की मांग कर रहा है। लेकिन भाजपा और कांग्रेस उनकी मांग पर ध्यान नहीं दे रही थी। इसलिए अब देवभूमि क्षत्रिय संगठन ने भी इन चुनावों के बहिष्कार का मन बना लिया है। अगर स्वर्ण समाज वास्तव में एक हो जाता है तो यह भाजपा और कांग्रेस के पसीने निकाल सकता है।