देवेंद्र फडणवीस फिर चखेंगे सत्ता का स्वाद, शिंदे के साथ होगी आगे की तैयारी

देवेंद्र फडनवीस को मिठाई खिलाते महाराष्ट्र बीजेपी प्रमुख चंद्रकांत पाटिल
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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के इस्तीफ़े के बाद राज्य में फिर से भारतीय जनता पार्टी का सत्ता में लौटना और विपक्षी नेता देवेंद्र फडणवीस के फिर से प्रदेश का मुख्यमंत्री बनना लगभग तय लग रहा है.

बुधवार रात उद्धव ठाकरे के इस्तीफ़ा देने के दौरान मुंबई के ताज प्रेसिडेंट होटल में जुटे बीजेपी के विधायकों ने मिठाइयाँ बाँटीं और पार्टी, फडणवीस और प्रधानमंत्री मोदी के लिए नारे लगाए.

पार्टी विधायक मनीषा चौधरी ने वहाँ सबसे पहले देवेंद्र फडणवीस का मुँह मीठा कराया. हालाँकि वहाँ फडणवीस ने पत्रकारों से केवल इतना कहा- “कल आपको सब बताएंगे.”

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वहीं महाराष्ट्र बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने पत्रकारों से कहा कि आगे क्या करना है, ये देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे तय करेंगे.

शपथ कब होगी, ये पूछे जाने पर पाटिल ने कहा- “वो अभी तय हो रहा है.”

चंद्रकांत पाटिल ने साथ ही कहा, “राज्य भर से लोग मुंबई पहुँचने वाले थे, मैं उन सबसे आह्वान करता हूँ कि अब मुंबई आने की आवश्यकता नहीं है, जिस दिन शपथ ली जाएगी, आप उस दिन आइए.”

बीजेपी विधायक नितेश राणे ने पत्रकारों से कहा, “फडणवीस हमेशा कहते थे कि वो सदन में वापस लौटेंगे. अब समय आ गया है. वो फिर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनकर लौटेंगे.” नितेश राणे ने ट्वीट कर कहा है, ”उखाड़ दिया.”

इस ट्वीट में उन्होंने शिव सेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत को भी टैग किया है. दूसरे ट्वीट में राणे ने लिखा है, ”ये फिर मत कहना- अकेला देवेंद्र क्या करेगा!!”

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देवेंद्र फडणवीस यदि सरकार बनाते हैं तो वो तीसरी बार मुख्यमंत्री बनेंगे. वो सबसे पहले 2014 से 2019 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे.

इसके बाद नवंबर 2019 में चुनाव के बाद नाटकीय परिस्थिति में राज्यपाल ने उन्हें सुबह-सुबह मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई, मगर 80 घंटे बाद उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा था. इसके बाद शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने.

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एकनाथ शिंदे और शिवसेना विधायक गोवा पहुँचे

उद्धव ठाकरे की सत्ता से बग़ावत कर पहले सूरत और फिर एक हफ़्ते से गुवाहाटी में जमे पार्टी के बाग़ी नेता और मंत्री एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक विधायक बुधवार को गोवा चले आए.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार ये विधायक एक चार्टर्ड विमान से बुधवार रात पौने दस बजे पणजी के डेबोलिम एयरपोर्ट पहुँचे और फिर विशेष बसों में बैठ एक फ़ाइव स्टार होटल डोना पॉला चले गए.

पीटीआई के अनुसार इस होटल की सुरक्षा पहले से ही काफ़ी सख़्त कर दी गई और आने-जाने वाले हर वाहन और व्यक्ति की जाँच की जा रही थी. एजेंसी ने एकनाथ शिंदे के एक क़रीबी के हवाले से बताया कि शिवसेना विधायक गुरुवार सुबह मुंबई पहुँच जाएँगे.

महाराष्ट्रः किसके पास कितने विधायक

महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 विधायक हैं. एक सीट शिवसेना के विधायक रमेश लटके की मौत के कारण ख़ाली है. महाविकास अघाड़ी में शिवसेना के 55, एनसपी के 53 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं.

एनसीपी के दो विधायक अनिल देशमुख और नवाब मलिक जेल में हैं. दोनों मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में हैं. बीजेपी के कुल 106 विधायक हैं और बहुजन विकास अघाड़ी के तीन विधायक हैं. इसके अलावा समाजवादी पार्टी, AIMIM और प्रहार जनशक्ति पार्टी के दो-दो विधायक हैं.

एमएनएस, सीपीआई(एम), पीडब्ल्यूपी, स्वाभिमानी पार्टी, राष्ट्रीय समाज पक्ष, जनसुराज्य शक्ति पार्टी और क्रांतिकारी शेतकरी पार्टी के एक-एक विधायक हैं. इसके अलावा 13 निर्दलीय विधायक हैं.

सरकार बनाने के लिए 144 विधायकों की ज़रूरत है. मौजूदा स्थिति में अगर शिवसेना का शिंदे गुट बीजेपी को समर्थन दे देता है तो महाराष्ट्र में एक बार फिर से बीजेपी की सरकार बन सकती है. शिंदे जिस तरह से अब तक बोलते रहे हैं, उससे साफ़ है कि बीजेपी की सरकार बन सकती है.

उद्धव ठाकरे ने दिया इस्तीफ़ा

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महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से जारी राजनीतिक रस्साकशी के बाद उद्धव ठाकरे ने बुधवार रात को एक फ़ेसबुक लाइव में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफ़ा देने की घोषणा की.

इसके बाद उन्होंने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को अपना इस्तीफा सौंपा जिसे राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया और राज्यपाल ने वैकल्पिक व्यवस्था होने तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए कहा.

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उद्धव ठाकरे ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से फ़्लोर टेस्ट पर रोक नहीं लगाने का फ़ैसला आने के बाद इस्तीफ़ा देने का फ़ैसला किया.

बुधवार को दिन में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एक दिन बाद यानी 30 जून को विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाने का आदेश दिया था जिसमें उद्धव सरकार को अपना बहुमत सिद्ध करने के लिए कहा गया था.

इसके बाद उद्धव ठाकरे और उनके सहयोगी सुप्रीम कोर्ट के पास चले गए. मगर वहाँ अदालत की दो जजों की पीठ ने शिवसेना नेता सुनील प्रभु की याचिका पर सुनवाई के बाद फ़्लोर टेस्ट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.