Dhanteras 2022 Maa Laxmi Katha: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इस बार यह शुभ तिथि 23 अक्टूबर 2022 को है। धनतेरस को लेकर कई कथा मिलती है लेकिन यह कथा धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी को लेकर है। इस कथा से जानकारी मिलती है कि किस तरह 12 साल बाद हर इंसान की जिंदगी बदल जाती है।
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Dhanteras 2022 Maa Laxmi Katha: 23 अक्टूबर दिन रविवार को देशभर में धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा। यह त्योहार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस तिथि के दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि हाथ में कलश लेकर प्रकट हुए थे, इस वजह से इस दिन को धनतेरस के नाम से जाना जाता है। इस दिन सोना-चांदी और बर्तन खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करते हैं तो उसमें 13 गुना की वृद्धि होती है। एक कथा मिलती है कि जिसके अनुसार, हर इंसान की 12 साल बाद पूरी जिंदगी बदल जाती है। आइए जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कथा।
धनतेरस की पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान विष्णु मृत्युलोक अर्थात पृथ्वी की ओर आ रहे थे। तभी माता लक्ष्मी ने उनके साथ चलने का आग्रह किया। भगवान विष्णु ने कहा कि अगर आप मेरा कहना मांगे तो आप मेरे साथ चल सकती हैं। इसे मानने के बाद ही वह पृथ्वी लोक पर आ गई थीं। कुछ देर बार एक जगह पर पहुंचकर भगवान विष्णु ने लक्ष्मीजी से कहा कि जब तक मैं ना आ जाऊं, आप यहीं रहना। ऐसा कहने के बाद भगवान विष्णु दक्षिण दिशा की तरफ चले गए। माता लक्ष्मी के मन में जिज्ञासा हुई कि आखिर दक्षिण दिशा की तरफ ऐसा क्या है।
भगवान विष्णु ने दिया माता लक्ष्मी को शाप
लक्ष्मीजी से रहा नहीं गया और वह भगवान विष्णु के पीछे-पीछे चल दीं। आगे जाकर माता को सरसों के खेत दिखे, जहां उन्होंने सरसों के फूल से श्रृंगार किया और आगे जाकर गन्ने के खेत में गन्ना तोड़कर उसका रस चूसने लगीं। उसी वक्त भगवान विष्णु भी आ गए और माता लक्ष्मी को देखकर नाराज हो गए। नाराज विष्णुजी ने माता लक्ष्मी को शाप दिया मैंने आपको मना किया था, लेकिन तब भी आप गईं। इस अपराध के जुर्म में आपको किसान के यहां 12 वर्ष तक रहकर सेवा करनी होगी। ऐसा कहकर भगवान विष्णु क्षीर सागर चले गए। तब लक्ष्मीजी किसान के घर रहने लग गईं।
ऐसे शुरू हुई माता लक्ष्मी की पूजा
लक्ष्मीजी के रहने से किसान का घर धन-धान्य से भर गया। 12 वर्ष बाद जब प्रभु वापस आए तो किसान ने उन्हें जाने से मना कर दिया। तब माता लक्ष्मी ने किसान से कहा कि धनतेरस के दिन घर की साफ-सफाई करते रात में घी का दीपक जलाओ और तांबे के कलश में रुपए रखकर शाम को मेरी पूजा करो। ऐसा करने पर मैं साल भर तुम्हारे घर पर वास करूंगी। मान्यता है कि तब से धनतेरस के दिन धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा शुरू हुई।