आगरा में धनतेरस पर हुई धनवर्षा, पंचग्रही योग में दिवाली, जानें लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त

दिवाली पर मां लक्ष्मी,भगवान गणेश,धन प्रदान करने कुबेर देवता, मां सरस्वती और अपने कुल देवी-देवता की विशेष रूप से पूजा-आराधना होती है। दिवाली की शाम प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन किया जाना शुभ माना जाता है।

लक्ष्मी पूजा
लक्ष्मी पूजा

आगरा में धनतेरस का पूजन रविवार को घरों से लेकर प्रतिष्ठानों तक में हुआ। लोगों ने चांदी, सोने के साथ ही बर्तनों की खरीदारी की। गिफ्ट आइटम की दुकानों पर भी भीड़ रही। सोमवार को सुबह रूप चौदस मनाई गई, तो शाम को महालक्ष्मी का आगमन होगा और घर-घर लक्ष्मी संग गणपति का पूजन किया जाएगा।

ज्योतिषाचार्य पूनम वार्ष्णेय ने बताया कि दिवाली अमावस्या पर मनाई जाती है। इस बार अमावस्या पर सूर्यग्रहण है। सोमवार चतुर्दशी तिथि के दिन हस्त और चित्रा नक्षत्र, वज्र योग, गजकेसरी योग, पंचग्रही योग, शश महापुरुष योग रहेंगे। श्री महालक्ष्मी का पूजन स्थिर लग्न में किया जाता है, जिससे कि मां का वास स्थायी बना रहे।

पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 

संध्याकाल -शुभ मुहूर्त 7:13 से लेकर 9:10 तक

पूजा की विधि

लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर भगवान श्री गणेश और लक्ष्मी जी की प्रतिमा को स्थापित करें, गंगाजल छिड़क कर शुद्ध करें। रोली, चंदन, अक्षत से मंगल तिलक करें। नए वस्त्र आभूषण धारण कराएं, पुष्पमाला और इत्र से सुशोभित करें। पंचमेवा पांच प्रकार के फल, खील, बताशे, मिष्ठान, बूंदी के लड्डू मावे से बनी मिठाई का भोग लगाएं। भगवान की प्रतिमा की दाहिनी तरफ शुद्ध घी का दीपक प्रज्ज्वलित करें और बायीं तरफ सरसों के तेल का दीपक जलाएं। ओम गं गणपतए नम: का जाप करें। श्री लक्ष्मी स्त्रोत का पाठ करें। कुबेर यंत्र की स्थापना करके रोली, चावल, पुष्प, दीप आदि से उनका पूजन भी किया जाता है।

गोवर्धन पूजा, अन्नकूट

बुधवार को स्वाति नक्षत्र प्रीति योग व आयुष्मान योग में गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त है। केदार योग भी रहेगा। आंगन में गोबर लीप कर गोवर्धन पर्वत की रचना करके उसको सुंदर बनाएं। चावल, रुई आदि से सजाकर पूजन करें। इसके उपरांत नैवेद्य का भोग लगाकर पूजा करें।

दिवाली के बाद 1300 साल बाद सूर्यग्रहण 

सिद्धि विनायक मंदिर के महंत ज्ञानेश शास्त्री के मुताबिक, अक्तूबर में इस वर्ष का आखिरी सूर्यग्रहण है। कई वर्षों के बाद दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा ना होकर सूर्यग्रहण आ रहा है। सूर्यग्रहण स्पर्श 16:31 पर होगा। सूर्यग्रहण का मध्य 17:14 पर होगा। सूर्य का मोक्ष 17:57 पर होगा। सूर्यग्रहण के सूतक प्रात: 4:31 से प्रारंभ होंगे। दिवाली के अगले दिन सूर्यग्रहण का योग 1300 वर्षों बाद बन रहा है। ग्रहण के समय चार ग्रह स्वयं की राशि में ही रहेंगे। अत: सूर्यग्रहण का सामान्य जनजीवन पर कोई गलत प्रभाव नहीं होगा। बटेश्वर मंदिर के पुजारी राकेश वाजपेयी ने बताया कि सूतक के समय सभी मंदिरों के पट बंद रहेंगे और ग्रहण खत्म होने के बाद मंदिरों का शुद्धिकरण किया जाएगा, इसके बाद मंदिरों में भक्त दर्शन कर पाएंगे।