धर्मपुर सीट से कांग्रेस ने लंबी माथापच्ची के बाद चंद्रशेखर को टिकट दिया है. यहां से मशहूर चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर पन्ना लाल भी टिकट चाह रहे थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला.
धर्मपुर (मंडी). साल 1973 में एक फिल्म आई..हीरा-पन्ना. देवानंद और जीनत अमान की यह फिल्म काफी चर्चित रही. फिल्म का एक गाना था, पन्ना की तमन्ना है कि हीरा मुझे मिल जाए…काफी प्रसिद्ध हुआ. गाने में जीनत अमान कहती हैं-पन्ना की तमन्ना है कि हीरा मुझे मिल जाये, जबाव में देवानंद कहते हैं…हीरा तो पहले ही किसी और का हो चुका. यह गाना हिमाचल प्रदेश के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की मौजूदा सियासत पर सटीक बैठता है.
दरअसल, हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं. ऐसे में टिकट को लेकर जदोजहद चल रही है. धर्मपुर सीट से कांग्रेस ने लंबी माथापच्ची के बाद चंद्रशेखर को टिकट दिया है. यहां से मशहूर चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर पन्ना लाल भी टिकट चाह रहे थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला. हाल ही में पन्ना लाल ने वीआरएस ली थी और कांग्रेस में शामिल हुए थे. लगातार खबरें आ रही थी कि पन्ना लाल को कांग्रेस टिकट दे रही है, लेकिन अंत में चंद्रशेखर के नाम पर कांग्रेस ने मोहर लगाई. चंद्रशेखर चौथी बार धर्मपुर विधानसभा से चुनावी समर में उतरेंगे. हालांकि, वह तीन बार चुनाव हार चुके हैं, लेकिन उनकी दावेदारी इसलिए मजबूत थी, क्योंकि धर्मपुर में कांग्रेस के पास उनसे मजूबत कोई दावेदार नहीं था. चंद्रशेखर वीरभद्र सिंह के करीबियों में शुमार हैं.
कांग्रेस में वेट और वॉच
दरअसल, कांग्रेस ने पहली सूची में धर्मपुर सीट को होल्ड पर रखा था. कांग्रेस यह देख रही थी कि इस सीट पर कद्दावर मंत्री महेंद्र सिंह एक बार फिर से चुनाव लड़ेंगे या उनका टिकट कट जाएगा. भाजपा ने मंत्री के बजाए उनके बेटे को टिकट दिया. इसके बाद कांग्रेस ने पन्ना के बजाय चंद्रशेखर को मैदान में उतारना उचित समझा. क्योंकि चंद्रशेखर के साथ बड़ा कांग्रेसी तबका है. साथ ही वह लंबे समय से ग्राउंड में काम कर रहे हैं, जबकि पन्ना लाल हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए. चंद्रशेखर के समर्थन में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शिमला में प्रतिभा सिंह से भी मिले थे और उन्हें टिकट देने की पैरवी की थी.
टिकट मिलने पर क्या बोले चंद्रशेखर
टिकट मिलने के बाद चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया पर कहा कि मुझे धर्मपुर से कांग्रेस प्रत्याशी नामांकित करने पर मैं अपने सभी वरिष्ठ पार्टी नेताओं का धन्यवाद करता हूँ.साथ ही कार्यकर्ताओं, पार्टी पदाधिकारियों व धर्मपुर की समस्त जनता का भी रहे दिल से शुक्रिया करता हूँ. बोले-साथियों चुनाव में समय बहुत कम है, इसलिए हमें पूरी लगन और ताक़त से लड़ाई लड़नी पड़ेगी. मुझे पूरा विश्वास है, इस बार जनता ने धर्मपुर में धनबल, ठेकेदारों और परिवारवादी राजनीति से छुटकारा पाकर नयी सोच और स्वच्छ राजनीति को चुनने का मन बना लिया है. यह राजशाही नहीं है कि आप 32 साल राज करके अपने वारिसों को जनता पर थोप दे. यह प्रजातंत्र है. आइए इस घमंड धनबल और भ्रष्टाचार और परिवारवादी राजनीति को उखाड़ फेंके. धर्मपुर में अब रजत के सामने होंगे चंद्रशेखर
धर्मपुर विधानसभा सीट पर बीते 15 साल से भाजपा का कब्जा है. यहां से बीते 35 साल से महेंद्र सिंह जीत हासिल करते आ रहे हैं. वह सात चुनाव जीते हैं. इस बार उन्होंने खुद ना लड़कर बेटे को चुनावी मैदान में उतारा है. क्योंकि रजत पहली बार मैदान में हैं, इसलिए कांटे का मुकाबला देखने को मिलेगा.