डायबिटीज के मरीजों को ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रखना चाहिए.
Diabetics Are More Prone To UTIs: डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जो व्यक्ति के शरीर को खोखला कर देती है. डायबिटीज से जूझ रहे लोगों को हार्ट डिजीज समेत कई बीमारियों का जोखिम भी बढ़ जाता है. अब तक आपने इस बारे में कई बातें सुनी होंगी. एक हालिया स्टडी में डायबिटीज को लेकर हैरान करने वाला खुलासा हुआ है. इसमें बताया गया है कि किस तरह ब्लड शुगर (Blood Sugar) हाई होने की वजह से डायबिटीज के मरीजों को इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है. स्टडी के शोधकर्ताओं ने यह भी बताया है कि इस इंफेक्शन का डायबिटीज से क्या कनेक्शन होता है. इसके अलावा इस समस्या से किस तरह बचाव किया जा सकता है.
नई स्टडी में हुआ बड़ा खुलासा मेडिकल न्यूज टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक एक हालिया स्टडी में खुलासा हुआ है कि डायबिटीज के जिन मरीजों का ब्लड शुगर लेवल हाई होता है, वे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) की चपेट में आ जाते हैं. ब्लड शुगर बढ़ने की वजह से हमारे शरीर में सोरायसिन (Psoriasin) की कमी होने लगती है. सोरायसिन शरीर में नेचुरल एंटी-बायोटिक का काम करता है और यूरिनरी इंफेक्शन से बचाता है. जब ब्लड शुगर बढ़ता है तो सोरायसिन की कमी होने लगती है और इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. जानकारों के मुताबिक ब्लड शुगर बढ़ने की वजह से शरीर का डिफेंस मेकैनिज्म भी बिगड़ जाता है और इससे कई बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है.
क्या बोले स्टडी के शोधकर्ता? यह स्टडी स्वीडन के एक इंस्टिट्यूट के शोधकर्ताओं ने की है. शोधकर्ताओं का कहना है कि डायबिटीज के मरीजों का हाई ग्लूकोस लेवल शरीर में बनने वाले नेचुरल एंटीबायोटिक्स और एंटी माइक्रोबायल पेप्टाइड की मात्रा को कम कर देता है. नेचुरल एंटीबायोटिक यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन समेत अन्य व्यक्ति इंफेक्शन से बचाने के लिए बेहद जरूरी होते हैं. इनकी मात्रा कम होना लोगों के लिए नुकसानदायक साबित होता है. स्वस्थ लोगों में नेचुरल एंटीबायोटिक भरपूर मात्रा में बनते हैं और यही कारण है कि हेल्दी लोगों को डायबिटीज के मरीजों की अपेक्षा UTIs का खतरा काफी कम हो जाता है.
डायबिटीज पेशेंट कैसे करें UTIs से बचाव? शोधकर्ताओं का कहना है कि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से बचने के लिए डायबिटीज के मरीजों को अपना ब्लड शुगर लेवल हमेशा कंट्रोल रखना चाहिए. इसके अलावा उन्हें हाइड्रेट रहने की कोशिश करनी चाहिए ताकि यूरिन में बैक्टीरिया कंसंट्रेशन को कम किया जा सके हैं. इसके लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं. भरपूर मात्रा में फाइबर, फल और सब्जियों का सेवन करना चाहिए ताकि कब्ज की समस्या से बचा जा सके. कॉन्स्टिपेशन होने से UTIs का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए खाने पीने को लेकर काफी सावधानी बरतने की जरूरत होती है.