पाकिस्तान के विभिन्न क्षेत्रों में चीनी नागरिकों पर बलूचिस्तान के उत्तर पश्चिम में बलोच अतिवादियों के हमलों के बाद कहा जा रहा है कि चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर या ‘सीपेक’ पर काम की रफ़्तार पर असर पड़ा है.
इसके बारे में ‘सीपेक’ से जुड़े एक प्रतिनिधि ने बीबीसी को बताया है कि हाल के हमलों के बाद चीनी व्यक्ति, और ख़ास तौर से वे जिनका संबंध सीपेक परियोजना से है, उन्हें उनके देश वापस भेजा गया है और जिन परियोजनाओं पर हाल तक काम जारी है वहाँ कामगारों की संख्या कम करने का फैसला किया गया है.
केंद्रीय मंत्री अहसन इक़बाल ने चीनी प्रशासन की ओर से लिये गये इस फैसले की ख़बर का खंडन किया है. उन्होंने कहा है कि हमें तो ऐसी कोई सूचना नहीं मिली बल्कि यह ज़रूर है कि चीनी अब नई योजनाओं पर काम करना चाहते हैं.
बीबीसी से बात करते हुए अहसन इक़बाल ने कहा कि ‘पिछली सरकार की ओर से गुप्तचर एजेंसियों का राजनैतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया गया जिसके कारण ऐसे तत्वों (अतिवादियों) ने सिर उठाना शुरू कर दिया.’ उन्होंने कहा कि ‘चीन की ओर से अपनी सुरक्षा खुद करने के बारे में कोई पत्र या संदेश प्राप्त नहीं हुआ है.’अहसन इक़बाल ने ये भी कहा है कि चीन ने पाकिस्तान से अपने नागरिकों को कम नहीं किया बल्कि वे तो और नई परियोजनाओं पर बातचीत कर रहे हैं.’