RBI Digital Currency: e-RUPI प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है। यह कई सामाजिक कल्याण योजनाओं में मदद कर सकता है। इसमें आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, फर्टिलाइजर सब्सिडी जैसी योजनाओं में मददगार साबित हो सकता है। इससे ज़्यादा से ज़्यादा लोग डिजिटल रुपये का इस्तेमाल कर सकेंगे।
नई दिल्ली: सरकार जल्द ही ई-रूपी (e-RUPI) या सीबीडीसी (सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी) को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। आरबीआई (RBI) ने पिछले सप्ताह इसके संकेत भी दिए हैं। यह ई-वाउचर-आधारित डिजिटल पेमेंट सॉल्यून e-RUPI होगा। इसका मुख्य उद्देश्य डिजिटल पेमेंट को और आसान और सुरक्षित बनाना होगा। e-RUPI को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के साथ मिलकर बनाया है। क्या आप जानते हैं डिजिटल करेंसी यानी आरबीआई का ई-रुपी (e-RUPI) क्या है, ये कैसे काम करेगा और इसके क्या फ़ायदे हैं? चलिए आपको बताते हैं।
जानिए क्या है e-RUPI
आपको बता दें कि e-RUPI एक कैश और कॉन्टैक्ट लैस पेमेंट मोड होगा। यह क्यू-आर कोड और SMS स्ट्रिंग पर आधारित है जो ई-वाउचर के रूप में काम करता है। इस सर्विस के तहत यूजर को पेमेंट करने के लिए न तो कार्ड, डिजिटल पेमेंट ऐप और न ही इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस की जरूरत होगी। आरबीआई का यह भी मानना है कि सीबीडीसी ऐसा ऑफ़लाइन मोड भी विकसित करे, जिसमें डिजिटल रुपये से लेनदेन हो सके। इससे ज़्यादा से ज़्यादा लोग डिजिटल रुपये का इस्तेमाल कर सकेंगे। यह पेपर करेंसी के समान है, जिसकी सॉवरेन वैल्यू होती है। डिजिटल करेंसी की वैल्यू भी मौजूदा करेंसी के बराबर ही होगी और यह उसी तरह स्वीकार्य भी होगी। सीबीडीसी केंद्रीय बैंक की बैलेंस शीट में लाइबिलिटी के तौर पर दिखाई देगी।
क्या होगा इसका फायदा
ऐसा कहा जा रहा है कि e-RUPI प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है। यह कई सामाजिक कल्याण योजनाओं में मदद कर सकता है। इसमें आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, फर्टिलाइजर सब्सिडी जैसी योजनाओं में मददगार साबित हो सकता है। सिर्फ इतना ही नहीं,निजी क्षेत्र के कर्मचारी भी अपने वेलनेस और कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी प्रोग्राम्स के हिस्से के रूप में इनका इस्तेमाल कर सकते हैं। इस डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन का उद्देश्य ऑनलाइन पेमेंट को ज्यादा आसान और सुरक्षित बनाना है।
इस वजह से ई-रूपी लॉन्च करना चाहता है आरबीआई
आरबीआई के कॉन्सेप्ट पेपर के मुताबिक़ आरबीआई देश में फ़िज़िकल कैश के प्रबंधन में आने वाली भारी-भरकम लागत कम करना चाहता है। इसे ऐसे समझें कि आरबीआई अब नोटों को छापने, इन्हें सर्कुलेट करने और इसके ड्रिस्टीब्यूशन की लागतें कम करना चाहता है। आरबीआई पेमेंट सिस्टम की कार्यक्षमता बढ़ाना चाहता है और इसमें इनोवेशन भी करना चाहता है। इससे क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट स्पेस में नए तरीक़े अपनाए जा सकेंगे। डिजिटल करेंसी ऐसी वर्चुअल करेंसी होगी जो किसी भी तरह के जोखिम से मुक्त होगी और लोग पूरे भरोसे के साथ इसका इस्तेमाल कर सकेंगे। डिजिटल करेंसी अपने ऑफ़लाइन फ़ीचर की बदौलत ऐसे इलाक़ों में भी काम करेगी, जहां बिजली और मोबाइल नेटवर्क नहीं है।
प्रधानमंत्री ने भी दी थी जानकारी
प्रधानमंत्री मोदी ने बीते दिनों अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के जरिए ट्वीट कर इसके कुछ बेनिफिट्स की जानकारी भी दी थी। ट्वीट में उन्होंने बताया कि e-RUPI कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस डिजिटल पेमेंट सर्विस होगी। यह सर्विस स्पॉन्सर्स और बेनिफिशियरीज को डिजिटली कनेक्ट करेगा। साथ ही अलग-अलग वेलफेयर सर्विसेज की लीक-प्रूफ डिलीवरी को भी सुनिश्चित करेगा।