ऐसा पहली बार हुआ है जब इस इलाके में डायनासोर के अवशेष मिले हैं। चिली की लास चिनास घाटी कई तरह के जीवाश्म के लिए जानी जाती है। चिली के शोधकर्ता टीम के डायरेक्टर मार्सेलो लेप्पे ने बताया कि यहां पहले भी कई तरह की खोज हो चुकी है। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ चिली और यूनिवर्सिटी टेक्सास के साथ समझौता किया है। इन जीवाश्म की पहचान हो पाई है, उनमें डायनासोर के दांत और हड्डियों के टुकड़े शामिल हैं। इन डायनासोर में एक मेगारैप्टर भी है।
दांतों की वजह से वैज्ञानिक कर पाए पहचानयह मेगारैप्टर बहुत ही खतरनाक माने जाते थे। ये मांसाहारी होते थे और उनके पंजे और छोटे-छोटे दांत होते थे। शोध के मुताबिक यह शिकार करने में बहुत ही माहिर माना जाता था। धरती पर ये 6.6 करोड़ से लेकर 7.5 करोड़ साल पहले पाए जाते थे जो क्रेटसेस काल का अंतिम समय था। इनके दांतों की वजह से वैज्ञानिक उनकी आसानी से पहचान कर पाए। इसके अलावा वैज्ञानिकों को दो चिड़ियों के भी जीवाश्म इस जगह से मिले हैं। ये पक्षी आज पाई जाने वाली चिड़िया के पूर्वज हैं।
वैज्ञानिकों की यह खोज प्रतिष्ठित जर्नल ऑफ साउथ अमेरिकन अर्थ साइंसेज में प्रकाशित हुए हैं। बता दें कि पिछले दिनों एक नए अध्ययन में खुलासा हुआ था कि डायनासोर की कम से कम एक प्रजाति पानी में तैरने में समर्थ थी। यह बत्तख की तरह से पानी में तैरता था और गोता लगाकर अपने शिकार को दबोच लेता था। इसका खुलासा दक्षिण कोरिया की सोल नैशनल यूनिवर्सिटी और मंगोलिया के वैज्ञानिकों ने किया था। ये डायनासोर मंगोलिया में पाया गया था।