खगोलविदों की अंतर्राष्ट्रीय टीम ने आकाश गंगा के पास एक नया ‘ब्लिंकिंग स्टार’ (Blinking Star) खोज निकाला है. ये सितारा आकाश गंगा से 25 हज़ार प्रकाश वर्ष (25000 Lightyears) दूर है. 11 जून को ये विशालकाय Blinking Star नज़र आया. टेलिस्कोप अवलोकन (Telescopic Observation) से पता चला कि VVV-WIT-08 की चमक पहले कम हुई और ये आकाश से लगभग ग़ायब हो गया. कई महीनों तक इस सितारे की चमक कम होती रही और फिर अचानक एक दिन ये पहला जैसा चमकने लगा.
The Guardian की रिपोर्ट के मुताबिक़, इस सितारे का इस तरह लगभग ग़ायब होने जाने की वजह एक चक्कर काटता ग्रह या कोई दूसरा सितारा हो सकता है.
कैम्ब्रिडज इंस्टीट्यूट ऑफ़ एस्ट्रॉनॉमी (Cambridge’s Institute of Astronomy) के Dr. Leigh Smith, यूनिवर्सिटी और एडिनबर्ग (University of Edinburg), यूनिवर्सिटी ऑफ़ हर्टफ़ोर्डशायर (University of Hertfordshire), यूनिवर्सिटी ऑफ़ वॉरशॉ (University of Warsaw) और यूनिवर्सिडाड ऐन्ड्रेस बेलो (Universidad Andres Bello) के वैज्ञानिकों और खगोलविदों ने मिलकर इस ‘ब्लिंकिंग स्टार’ को खोजा, कहती हैं मीडिया रिपोर्टस.
शोधार्थियों का मानना है कि VVV-WIT-08 ‘ब्लिंकिंग जायंट’ बाइनरी सिस्टम के नये क्लास का हिस्सा है. उनका ये भी मानना है कि इस सितारे का एक साथी है जो इसके चक्कर काटता है. हालांकि इस साथी को अभी तक शोधार्थियों ने नहीं देखा है और इस पर खोज जारी है.
Dr. Leigh Smith ने कहा, ‘ऐसा लगता है ये आसमान से टपका है!’
चिली स्थित यूरोपियन सदर्न ओबज़रवेटरी (European Southern Observatory)से खगोलविदों ने इस सितारे को देखा. यहां एक दशक से करोड़ों सितारों को देखा और उन पर शोध किया गया है. VVV-WIT-08 2012 के शुरुआत में धुंधला पड़ने लगा और अप्रैल तक लगभग ग़ायब हो गया, अगस्त 2013 में ये फिर से दिखा.
खगोलविदों द्वारा खोजा गया ये पहला ब्लिंकिंग स्टार नहीं है. Epsilon Aurigae नामक सितारे को एक बड़ा डिस्क हर 27 साल में 50% धुंधला कर देता है. TYC 2505-672-1 को कुछ वर्षों पहले खोजा गया. सबसे ज़्यादा ऑर्बिटल पीरियड वाले Eclipsing Binary Star System (69 साल) का रिकॉर्ड अभी इस सितारे का है.