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दिवाली पर भी सोलन के व्यापारियों के चेहरे पर दिखी मायूसी

दिवाली के बावजूद भी , सोलन के ज़्यादातर व्यापारी मायूस नज़र आए।  ऐसा हम इस लिए कह रहे है ,क्योंकि त्योहारी सीज़न के दौरान ,बाज़ारों में ग्राहकों की संख्या ,बेहद कम थी।  जिसके कारण सोलन में, व्यापार सोलन के व्यापारियों के अनुरूप ,उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया। दिवाली से व्यापारियों को,  बेहद उम्मीदें होती है।  सारा वर्ष ,व्यापारी दिवाली का  ही,इंतज़ार करता रहता है कि, त्योहारों पर उसका व्यवसाय अच्छा होगा, और उसका सारा वर्ष , आराम  से निकल जाएगा।  लेकिन पिछली बार की तरह, इस बार भी ,सोलन के व्यापारी के,हाथ हताशा ही लगी।  जिसके कारण व्यापारी के माथे पर,अब  चिंता की लकीरें देखी जा रही है।  

सोलन के व्यापारियों ने ,चिंता जाहिर करते हुए कहा कि, दिवाली पर उन्हें अच्छे व्यवसाय की उम्मीद थी।  जिसके चलते उन्होंने ,बेहद खरीददारी की थी, ताकि ग्राहकों को ,अच्छी वेरायटी बाज़ार में उपलब्ध हो सके।   लेकिन दिवाली पर ग्राहक ,बेहद कम बाज़ारों में आए।  जिसके कारण ,उन्हें बेहद घाटा ,उठाना पड़ा।  उन्होंने कहा कि , वह मानते है कि, कहीं न कहीं ऑनलाइन बाज़ार से भी ,बाज़ारों में ग्राहकों की संख्या कम हुई है।  यही वजह है कि, पहले की तरह अब ,त्योहारों पर काम नहीं है।  उन्होंने कहा कि, जब से कोरोना आया है तब से ,उनका व्यापार लगातार गिरता जा रहा है।  उन्होंने उम्मीद जताई है कि, आने वाला वर्ष शायद, अच्छी खबर लेकर आए और, उनका व्यवसाय पहले की तरह हो सके।