टीम इंडिया में ‘भेदभाव’ बंद, रोहित सेना के बराबर मिलेगी महिला टीम को मैच फीस, BCCI का ऐतिहासिक ऐलान

टी-20 वर्ल्ड कप में भारत और नीदरलैंड के बीच मुकाबले के टॉस के दौरान ही भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने एक क्रांतिकारी फैसला किया। उसने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि महिला और पुरुष क्रिकेटरों को इंटरनेशनल लेवल पर मैच फीस बराबर मिलेंगे। इसके साथ ही लैंगिक असमानता का भी खत्म हो गया है।

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नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने गुरुवार को भारत और नीदरलैंड के बीच मुकाबले के टॉस के दौरान ही एक बड़ा ऐलान किया है। बोर्ड ने टीम इंडिया में लैंगिक असमानता को खत्म करते हुए दोनों ही कैटिगरी में मैच फीस बराबर कर दिया है। यानी रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम इंडिया और महिला टीम के प्लेयर्स को तीनों ही फॉर्मेट में बराबर मैच फीस मिलेगी। इसका ऐलान बोर्ड के सचिव जय शाह ने ट्विटर पर किया।

बीसीसीआई सचिव जय शाह ने ट्वीट किया, ‘मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि बीसीसीआई पक्षपात मिटाने की दिशा में पहला कदम उठा रहा है। हम अनुबंधित महिलाओं के लिये भी समान मैच फीस नीति लागू कर रहे हैं।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘भारतीय क्रिकेट में लैंगिक समानता के नये युग में हम महिला और पुरुष क्रिकेटरों को समान मैच फीस देंगे।’ नई व्यवस्था के तहत बीसीसीआई महिला क्रिकेटरों को भी अब टेस्ट (15 लाख रुपये), वनडे (छह लाख रुपये) और टी20 (तीन लाख रुपये) मैच के लिए समान फीस मिलेगी।

शाह ने लिखा, ‘समान फीस महिला क्रिकेटरों के प्रति मेरी प्रतिबद्धता थी। मैं शीर्ष परिषद को समर्थन के लिये धन्यवाद देता हूं।’ न्यूजीलैंड क्रिकेट समान मैच फीस लागू करने वाला पहला बोर्ड था। क्रिकेट जगत ने इस कदम का स्वागत किया है।भारत की महान क्रिकेटर मिताली राज ने कहा, ‘यह ऐतिहासिक कदम है। महिला क्रिकेट के लिये यह नया सवेरा है।समान मैच फीस और महिला आईपीएल महिला क्रिकेट को वहां तक ले जाने की दिशा में उठाये गए कदम हैं जहां पुरुष क्रिकेट आज है।’

उन्होंने कहा, ‘महिला क्रिकेट समुदाय का हिस्सा होने के नाते मैं बीसीसीआई और सचिव जय शाह को इसके लिये धन्यवाद देती हूं। हम 2017 से महिला क्रिकेट की लोकप्रियता और विकास देखते आ रहे हैं। यह सही दिशा में उठाया गया कदम है।’ शीर्ष परिषद की निवर्तमान सदस्य और भारत की पूर्व खिलाड़ी शांता रंगास्वामी ने कहा, ‘यह क्रांतिकारी फैसला है। इससे साबित होता है कि भारत में महिलाओं को बराबरी की नजर से देखा जाता है और कोई पक्षपात नहीं है।मैं जय शाह, रोजर बिन्नी और राजीव शुक्ला को धन्यवाद देता हूं।’
भारत के पूर्व खिलाड़ी हरभजन सिंह ने भी बीसीसीआई के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा, ‘बीसीसीआई ने दूसरे खेल संघों के लिए मानक स्थापित किये हैं।इससे महिलाओं को खेल में भागीदारी की प्रेरणा मिलेगी। ऐतिहासिक कदम।’ भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने हाल ही में एशिया कप में श्रीलंका को हराकर खिताब जीता था। इसके अलावा बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक भी जीता। बीसीसीआई ने पिछली सालाना आम बैठक में अगले साल महिलाओं का पहला आईपीएल कराने की घोषणा की थी।

इस फैसले का क्या होगा असर?
इस क्रांतिकारी फैसले का सीधा असर महिला क्रिकेट पर पड़ेगा। उसे न केवल अब तेजी से बढ़ावा मिलेगा, बल्कि क्रिकेट में चले आ रहे पुरुषों के वर्चस्व का भी खात्मा होगा। इससे पहले बीसीसीआई ने महिला इंडियन प्रीमियर लीग के भी शुरू करने का ऐलान किया था। ये दोनों ही फैसले ऐतिहासिक हैं।