70 से ज्यादा राशन दुकानों की जांच में पाया गया कि कई दुकानदारों ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के पात्रों को राशन ही नहीं बांटा। वहीं, कहीं बंटा तो उसे भी कम दिया गया।
मध्यप्रदेश में राशन घोटाला
राशन वितरण में गड़बड़ृी रोकने लिए राज्य सरकार पीओएस मशीनों के जरिए राशन बंटवा रही है। आधार नंबर लिंक करने और राशन लेने वाले व्यक्ति का पीओएस मशीन पर थंब इंप्रेशन लेने के बाद ही राशन दिया जा रहा है। इसके बावजूद राजधानी में राशन चोरी की जा रही थी। हद तो यह है कि इसी जांच के लिए गठित दल ने भी जांच में फर्जीवाड़ा कर दिया। इस मामले में खाद्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में जिम्मेदार 7 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं, जांच में गड़बड़ी करने वाले भी 8 अधिकारियों पर कार्रवाई की गई। चार अधिकारियों को चार्जशीट के निर्देश दिए हैं।
विभाग ने पूरे मामले की जांच के लिए अलग-अलग टीम बनाई थी। जिन्होंने 70 से ज्यादा राशन दुकानों की जांच की। जिसमें सामने आया कि कई दुकानों ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के पात्रों को राशन ही नहीं बांटा। वहीं, कहीं बंटा तो उसे भी कम दिया गया। राशन दुकान के रजिस्ट्रर और स्टॉक में भी बड़ा अंतर मिला है। इस मामले की शिकायत के बाद विभाग ने एक टीम गठित की थी। टीम ने जांच के नाम पर खानापूर्ति कर उपभोक्ताओं से अपनी तरफ से पहले से लिखे बयानों पर हस्ताक्षर करा लिए। निरीक्षण में भी गड़बड़ी की गई।
विभाग की तरफ से तत्कालीन जिला आपूर्ति नियंत्रक ज्योति शाह नवरिया, सहायक आपूर्ति अधिकारी संतोष उइके व दिनेश अहिरवार, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी विनय सिंह, प्रताप सिंह, सत्यपाल सिंह जादौान, व एलएल गिल हैं। वहीं, जांच में गड़बड़ी करने के मामले में भोपाल से सहायक आपूर्ति अधिकारी अनिल तुंतवाय, राजेश खरे, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सौरभ जैन, सुरेश गुर्जर, नर्मदापुरम के आशीष तोमर, अंकित हंस, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी शरद पंचोली और भोपाल में पदस्थ सहायक संचालक अनिल तिवारी शामिल हैं।