क्या आपको भी अधिक काटते हैं मच्छर? वैज्ञानिकों ने पता लगा लिया इसका कारण, ये हैं दो वजहें

मच्छर अधिक काटने के कारण
मच्छरों के काटने से कई प्रकार की गंभीर बीमारियों का जोखिम होता है। हर साल अक्तूबर-नवंबर के महीने में देश में मच्छर जनित रोग जैसे डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के मामले बढ़ते हुए रिपोर्ट किए जाते रहे हैं। यह बीमारियां कुछ मामलों में गंभीर और जानलेवा भी हो सकती हैं, यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को मच्छरों के काटने से बचने के उपाय करते रहने की सलाह देते हैं। पर क्या आपको मच्छर अधिक काटते हैं? अगर आपको ऐसा एहसास हो रहा है तो इसमें कुछ आश्चर्यजनक नहीं है। असल में आपके शरीर के कुछ रसायन मच्छरों को अधिक आकर्षित कर सकते हैं। हाल के एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने कुछ लोगों में मच्छरों के अधिक काटने के कारण के बारे में बताया है।

हॉवर्ड ह्यूजेस मेडिकल इंस्टीट्यूट एंड रॉकफेलर यूनिवर्सिटी में न्यूरोबायोलॉजिस्ट डॉ लेस्ली वोशाल ने इसके कारणों को बेहतर ढंग से समझने के लिए एक अध्ययन किया। इसमें उनकी टीम ने पाया कि कुछ लोगों में वास्तव में कुछ ऐसे कारक होते हैं जो उनके प्रति मच्छरों को अधिक आकर्षित करते हैं। यही कारण है कि आपको दूसरों की तुलना में मच्छरों के काटने का अधिक अनुभव हो सकता है।

आइए इस अध्ययन के बारे में विस्तार से समझते हैं।

आखिर क्यों कुछ लोगों को ही ज्यादा काटते हैं मच्छर
कुछ लोगों को अधिक काटते हैं मच्छर

कुछ लोगों को मच्छर क्यों अधिक काटते हैं इसके कारणों के बारे में जानने के लिए शोधकर्ताओं की टीम ने 64 प्रतिभागियों पर एक अध्ययन किया। जर्नल सेल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक अध्ययन में प्रतिभागियों की बाहों पर नायलॉन स्टॉकिंग्स लगाए गए। नायलॉन स्टॉकिंग्स में हर व्यक्ति के शरीर के गंध को समाहित होने के लिए छह घंटे का इंतजार किया गया। शोधकर्ताओं ने इन नाइलॉन को टुकड़ों में काट दिया और अलग-अलग बंद कंटेनर में रखा, जिसमें मादा एडीज एजिप्टी मच्छर थे।

शोधकर्ताओं ने पाया कि कुछ कंटेनर वाले नायलॉन पर मच्छर अधिक चिपके हुए थे, जबकि दूसरे कंटोनरों पर इसकी तुलना में कम थे

त्वचा की गंध मच्छरों को आकर्षित करती है।
अध्ययन में क्या पता चला?

शोधकर्ताओं ने इस प्रयोग के आधार पर पाया कि त्वचा की गंध अलग-अलग मच्छरों को आकर्षित कर सकती है। यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) के अनुसार, मच्छरों में अपने भोजन को खोजने के लिए एक विशेष रिसेप्टर होता है, जो उन्हें कार्बन डाइऑक्साइड का पता लगाने में मदद करती है। हमारी त्वचा से भी यह गैस निकलती रहती है। त्वचा की गंध असल में बैक्टीरिया के कारण होती है। अलग-अलग लोगों में बैक्टीरिया के कारण त्वचा से दुर्गंध भी अलग हो सकती है। शोधकर्ता बताते हैं कि मच्छर, इसी गंध के आधार पर कुछ लोगों को अधिक जबकि कुछ को कम काटते हैं।

मच्छरों से बचाव के उपाय करना जरूरी
त्वचा के प्रति मच्छरों का आकर्षण

शोधकर्ताओं ने पाया जिन लोगों की त्वचा में कार्बोक्जिलिक एसिड अधिक होता है, उनसे मच्छरों का आकर्षण भी अधिक हो सकता है। यह एसिड त्वचा के सेबम हिस्से में बनता है। सेबम एक तैलीय परत है जो हमारी त्वचा को ढकती है। यह एसिड हमारी त्वचा को मॉइस्चराइज और संरक्षित रखने में मदद करती है। हालांकि कुछ लोगों में इसका उत्पादन अधिक क्यों होता है, इस बारे में जानने के लिए अध्ययन किया जा रहा है।

त्वचा की गंध के अलावा कुछ और फैक्टर भी मच्छरों के आकर्षण का कारण बन सकते हैं।

ब्लड ग्रुप और मच्छरों के काटने का संबंध

ब्लड ग्रुप और मच्छरों के काटने का संबंध

इसी तरह साल 2014 में ‘टाइम’ में प्रकाशित एक लेख में फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के चिकित्सा कीटविज्ञानी और मच्छर विशेषज्ञ डॉ जोनाथन डे ने बताया कि कई प्रमाण ऐसे मिले हैं कि अन्य ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तुलना में ‘ओ ब्लड ग्रुप’ वाले लोगों के प्रति मच्छर अधिक आकर्षित होते हैं। डॉ जोनाथन कहते हैं, मच्छर, कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करके काटने वाले लक्ष्य की पहचान करते हैं। अब चूंकि सभी कशेरुकी कार्बन डाइऑक्साइड का उत्पादन करते हैं, ऐसे में मच्छरों के लिए इससे उचित और क्या हो सकता है?

ओ ब्लड ग्रुप वाले में यह कारक मच्छरों को अधिक आकर्षित कर सकता है।

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