हॉवर्ड ह्यूजेस मेडिकल इंस्टीट्यूट एंड रॉकफेलर यूनिवर्सिटी में न्यूरोबायोलॉजिस्ट डॉ लेस्ली वोशाल ने इसके कारणों को बेहतर ढंग से समझने के लिए एक अध्ययन किया। इसमें उनकी टीम ने पाया कि कुछ लोगों में वास्तव में कुछ ऐसे कारक होते हैं जो उनके प्रति मच्छरों को अधिक आकर्षित करते हैं। यही कारण है कि आपको दूसरों की तुलना में मच्छरों के काटने का अधिक अनुभव हो सकता है।
आइए इस अध्ययन के बारे में विस्तार से समझते हैं।
कुछ लोगों को मच्छर क्यों अधिक काटते हैं इसके कारणों के बारे में जानने के लिए शोधकर्ताओं की टीम ने 64 प्रतिभागियों पर एक अध्ययन किया। जर्नल सेल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक अध्ययन में प्रतिभागियों की बाहों पर नायलॉन स्टॉकिंग्स लगाए गए। नायलॉन स्टॉकिंग्स में हर व्यक्ति के शरीर के गंध को समाहित होने के लिए छह घंटे का इंतजार किया गया। शोधकर्ताओं ने इन नाइलॉन को टुकड़ों में काट दिया और अलग-अलग बंद कंटेनर में रखा, जिसमें मादा एडीज एजिप्टी मच्छर थे।
शोधकर्ताओं ने पाया कि कुछ कंटेनर वाले नायलॉन पर मच्छर अधिक चिपके हुए थे, जबकि दूसरे कंटोनरों पर इसकी तुलना में कम थे
शोधकर्ताओं ने इस प्रयोग के आधार पर पाया कि त्वचा की गंध अलग-अलग मच्छरों को आकर्षित कर सकती है। यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) के अनुसार, मच्छरों में अपने भोजन को खोजने के लिए एक विशेष रिसेप्टर होता है, जो उन्हें कार्बन डाइऑक्साइड का पता लगाने में मदद करती है। हमारी त्वचा से भी यह गैस निकलती रहती है। त्वचा की गंध असल में बैक्टीरिया के कारण होती है। अलग-अलग लोगों में बैक्टीरिया के कारण त्वचा से दुर्गंध भी अलग हो सकती है। शोधकर्ता बताते हैं कि मच्छर, इसी गंध के आधार पर कुछ लोगों को अधिक जबकि कुछ को कम काटते हैं।
शोधकर्ताओं ने पाया जिन लोगों की त्वचा में कार्बोक्जिलिक एसिड अधिक होता है, उनसे मच्छरों का आकर्षण भी अधिक हो सकता है। यह एसिड त्वचा के सेबम हिस्से में बनता है। सेबम एक तैलीय परत है जो हमारी त्वचा को ढकती है। यह एसिड हमारी त्वचा को मॉइस्चराइज और संरक्षित रखने में मदद करती है। हालांकि कुछ लोगों में इसका उत्पादन अधिक क्यों होता है, इस बारे में जानने के लिए अध्ययन किया जा रहा है।
त्वचा की गंध के अलावा कुछ और फैक्टर भी मच्छरों के आकर्षण का कारण बन सकते हैं।