Influenza (flu) Symptoms and Causes: सर्दी में होने वाली जुकाम और खांसी की बीमारी को हल्के में नहीं लेना चाहिए। क्योंकि यह खतरनाक व जानलेवा इंफ्लूएंजा रोग हो सकता है। जिससे बचने के लिए फ्लू वैक्सीन जरूर लेना चाहिए। आइए जानते हैं कि फ्लू व इन्फ्लूएंजा के सभी लक्षण क्या हैं और फ्लू का सीजन कौन-सा होता है।
Influenza or Flu Symptoms in hindi: ठंड के मौसम में होने वाला सर्दी-जुकाम फ्लू का लक्षण हो सकता है। जिसे लोग आमतौर पर मामूली बीमारी समझते हैं और घरेलू उपाय अपनाते रहते हैं। लेकिन साहब! फ्लू कोई आम बीमारी नहीं है, बल्कि इसमें खांसते-छींकते हुए मरीज की जान भी जा सकती है। अगर आपको इस बीमारी से बचना है, तो जरूरी कदम उठाने चाहिए। ध्यान रखें कि ठंड का मौसम
फ्लू सीजन (flu season) होता है।
Influenza or Flu meaning: फ्लू (इन्फ्लूएंजा) क्या है?
बदलते मौसम या ठंड में सर्दी-जुकाम (Common cold and cough) होना आम बीमारी है, जो कि फ्लू का मुख्य लक्षण होता है। फ्लू को इन्फ्लूएंजा भी कहते हैं। सीडीसी के अनुसार, यह एक एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (Acute Respiratory Infection) है, जो इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होता है। यह सबसे पहले आपकी नाक, गले और फेफड़ों को जकड़ता है। दुनिया के हर हिस्से में होने वाली यह बीमारी आपकी मौत का कारण भी बन सकती है।
फ्लू (इन्फ्लूएंजा) के लक्षण क्या हैं?
फ्लू (इन्फ्लूएंजा) के कारण आपको हल्के से लेकर गंभीर लक्षण (Flu Symptoms) तक झेलने पड़ सकते हैं। सीडीसी के मुताबिक, फ्लू में हर किसी को बुखार नहीं आता है, लेकिन कुछ लोगों को यह गंभीर हो सकता है। आइए इसके सभी लक्षण जानते हैं।
- बुखार या ठंड लगना
- खांसी
- गले में दर्द
- नाक बहना
- बंद नाक
- बदन टूटना
- सिरदर्द
- थकान या कमजोरी
- उल्टी
- डायरिया, आदि
इन्फ्लूएंजा (सर्दी-जुकाम) से मौत कैसे हो सकती है?
सीडीसीसीडीसी कहता है कि फ्लू के मरीज आमतौर पर कुछ दिनों में रिकवर करने लगते हैं। सर्दी-जुकाम 2 हफ्तों में ठीक होने लगता है, लेकिन कुछ लोगों में यह निमोनिया बन सकता है। जिसके कारण जान भी जा सकती है। इंफ्लूएंजा वायरस अकेले या किसी अन्य बैक्टीरियल व वायरल इंफेक्शन के साथ मिलकर निमोनिया विकसित कर देता है।
वहीं, फ्लू के कारण दिल (मायोकार्डिटिस), दिमाग या मसल्स में इंफ्लामेशन आ सकती है और कई बार मल्टी-ऑर्गन फेलियर हो सकता है। जिसके कारण जान चली जाती है। इसलिए फ्लू के सर्दी-जुकाम जैसे लक्षणों को बिल्कुल भी हल्के में ना लें और अगर यह समस्या 2 हफ्तों से भी ज्यादा परेशान करती है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
इन लोगों में रहता है ज्यादा खतरा
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, फ्लू किसी भी उम्र, लिंग और वर्ग के व्यक्ति को मरीज बना सकता है। लेकिन कुछ लोगों में इसका गंभीर खतरा रहता है। जैसे-
- गर्भवती महिलाएं
- 59 महीने से छोटे बच्चे
- बुजुर्ग
- लिवर, क्रॉनिक कार्डिएट, पल्मोनरी, रिनल जैसी क्रॉनिक बीमारियों के मरीज
- एचआईवी/एड्स के मरीज
- हेल्थ केयर वर्कर्स
इन्फ्लूएंजा वायरस के नाम क्या-क्या हैं?
WHO के अनुसार, सीजनल इंफ्लूएंजा वायरस (influenza virus name) चार प्रकार के होते हैं, जिसमें से पहले दो वायरस मौसमी महामारी का कारण भी बन सकते हैं।
- इंफ्लूएंजा ए वायरस (A(H1N1), A(H3N2)); H1N1 कोस्वाइन फ्लूके नाम से भी जाना जाता है
- इंफ्लूएंजा बी वायरस (B/Yamagata, B/Victoria)
- इंफ्लूएंजा सी वायरस
- इंफ्लूएंजा डी वायरस
इंफ्लूएंजा रोग का इलाज
फ्लू रोग कैसे फैलता है? सीडीसी के मुताबिक, फ्लू या इंफ्लूएंजा रोग आरएसवी संक्रमण या अन्य रेस्पिरेटरी इंफेक्शन की तरह ही फैलता है। फ्लू के वायरस खांसने या छींकने के दौरान निकलते हैं और दूसरे स्वस्थ व्यक्ति के संपर्क में आकर उसे भी बीमार कर देते हैं।
डब्लूएचओ ने इंफ्लूएंजा का इलाज बताया कि हल्के मामलों में इस रोग का उपचार लक्षणों पर निर्भर करता है। लेकिन गंभीर मामलों में Neuraminidase inhibitors, कॉर्टिकोस्टेरॉइड या अन्य दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है।
इंफ्लूएंजा को कैसे रोकें?
इन्फ्लूएंजा की रोकथाम करने का सबसे बेस्ट तरीका समय पर फ्लू शॉट लगवाना है। WHO गर्भवती महिलाओं, 6 महीने से 5 साल की उम्र के बीच बच्चों, 65 साल से बड़े बुजुर्गों, क्रॉनिक बीमारी के मरीजों और स्वास्थ्य कर्मचारियों को हर साल फ्लू शॉट लगवाने की सलाह देता है। इसके साथ निम्न एहतियात (Influenza or Flu Preventions) भी बरतें।
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हाथों को साबुन व पानी से अच्छी तरह धोकर सुखाएं।
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खांसते-छींकते समय मुंह व नाक को ढककर रखें।
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मास्क पहनें।
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बीमार होने पर खुद को आइसोलेट कर लें।
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बीमार लोगों के संपर्क में कम जाएं।